सियासत की रेल कब पटरी बदल ले, कोई नहीं जानता। भारत में दो दिन पहले 'नमो भारत' रेल चली थी और कल ग्वालियर से दिल्ली के बीच 'नमो सिंधिया' रेल चल पड़ी। नमो यानी नरेंद्र मोदी और सिंधियाओं को लेकर पिछले कुछ दिनों से अटकलों का बाजार गर्म था किन्तु शुक्रवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से सिंधिया खानदान का गुणगान किया उसे सुनने के बाद कम से कम भाजपाइयों ने तो मान लिया है कि हिचकोले खा रही 'नमो-सिंधिया' रेल अब पूरी गति से दौड़ने वाली है। नरेंद्र मोदी के बदले रुख की वजह से सिंधिया और सामंतवाद के विरोधियों को निराशा हो सकती है।