केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और भाजपा के बीच शुरू हुआ शीत युद्ध यहीं रुक जाएगा या फिर आगे बढ़ेगा। बिहार विधानसभा चुनाव दूर नहीं है। भाजपा चिराग का महत्व भी जानती है लेकिन चिराग का कहना है कि कोई भी नेता जनाधार के दम पर जिन्दा रहता है। तो क्या चिराग पासवान जनाधार के लिए सब कुछ ठुकराने को तैयार हैं। क्या भाजपा ने उन्हें उनके बयानों के लिए घेरा और फिर संकेतों में कह दिया कि वो अभी भी उनके साथ काम करना चाहती है। जानिए पूरी राजनीतिः