बिहार में धार्मिक ध्रुवीकरण और सियासी बयानबाजी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने एक ऐसा क़दम उठाया है, जिसने सबको चौंका दिया है। नीतीश सरकार ने फ़ैसला किया है कि राज्य के सभी सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों को उर्दू भाषा सिखाई जाएगी। इस योजना के तहत हर सोमवार से गुरुवार तक दो घंटे की विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। यह निर्णय ऐसे समय में आया है, जब बिहार में हिंदू-मुस्लिम मुद्दों पर सियासत गरमाई हुई है। नीतीश का यह क़दम क्या सियासी चाल है या सामाजिक समरसता की कोशिश, इस पर बहस छिड़ गई है। यह सब अगले कुछ महीनों में राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले हो रहा है।