उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून को और सख्त किया है। सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान किया है। पिछले कानून में जबरन धर्मांतरण के लिए 5 साल की सजा का प्रावधान था। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी जबरन धर्मांतरण पर 10 साल की सजा का प्रावधान है।
उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर अब होगी 10 साल की जेल
- उत्तराखंड
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- 17 Nov, 2022
उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण से जुड़े पिछले कानून में 5 साल की सजा का प्रावधान था। बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश के साथ ही कर्नाटक, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी ऐसे विधेयक पारित होकर कानून की शक्ल ले चुके हैं।

उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्तराखंड फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट, 2018 में संशोधन कर उत्तराखंड फ्रीडम ऑफ रिलिजन (संशोधन) एक्ट, 2022 बनाया है। पुराने एक्ट में संशोधन का यह फैसला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।
राज्य सरकार जल्द होने वाले विधानसभा के सत्र में संशोधन से जुड़ा विधेयक लाएगी। राज्य सरकार ने इसे 10 साल की जेल की सजा के साथ ही संज्ञेय अपराध बनाने वाले संशोधन को भी मंजूरी दे दी है।