रामपुर विधानसभा सीट को उत्तर प्रदेश में मोहम्मद आज़म खान के सियासी कद की वजह से जाना जाता है। आज़म खान 10 बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि पिछले 45 साल में यह पहला मौका है जब आज़म खान या उनके परिवार का कोई सदस्य इस सीट से चुनाव मैदान में नहीं उतरा है। 1977 से आज़म खान और उनके परिवार के सदस्य यहां से चुनाव लड़ते रहे हैं।
रामपुर: 1977 के बाद पहली बार आज़म परिवार मैदान में नहीं
- उत्तर प्रदेश
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- 17 Nov, 2022
रामपुर विधानसभा सीट से आज़म खान 10 बार विधायक रह चुके हैं। इस सीट पर सपा की जीत का पूरा दारोमदार सिर्फ आज़म खान पर ही है। बीजेपी की जीत के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी सहित कई बड़े नेता जोर लगा रहे हैं।

समाजवादी पार्टी ने यहां से आसिम राजा को उम्मीदवार बनाया है। आसिम राजा को रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में भी उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन तब उन्हें बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी के हाथों हार मिली थी।
बताना होगा कि हेट स्पीच के मामले में आज़म खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी और सीट खाली होने की वजह से यहां उपचुनाव कराना पड़ा है।