आज़ादी के बाद से ही अशांत रहने वाला पूर्वोत्तर एक बार फिर विस्फोटक स्थिति में पहुँच गया है। नगालैंड में शनिवार की शाम हुई फायरिंग, उसके बाद हिंसा व असम राइफ़ल्स व दूसरे जगहों पर हुए हमलों ने पूर्वोत्तर के 'फ़ॉल्ट लाइन्स' को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
नगा वार्ता लटकी, फिर सुलग सकता है पूर्वोत्तर, बढ़ सकता है अलगाववाद?
- राज्य
- |
- |
- 6 Dec, 2021

नगालैंड हिंसा को सामान्य हिंसा या गोलीबारी मानना क्यों एक भूल होगी? क्यों अब भारत विरोधी भावनाएँ वहां भड़केंगी?
वहाँ नगा विद्रोहियों के साथ एक दशक से भी लंबे समय से चल रही बातचीत एक बार अधर में लटक सकती है और अफ़्सपा जैसे क़ानून रद्द करने की माँग तूल पकड़ सकती है।
इसके अलावा असम, त्रिपुरा और मणिपुर में चल रहे छिटपुट अलगाववादी आन्दोलनों को भी बल मिल सकता है। हाल यह है कि पूर्वोत्तर एक बार फिर सुलग सकता है।