मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करने के एक आरोपी हुइरेम हेरोदास मेइती की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही उस आरोपी के घर को गुरुवार को गांव की ही कुछ महिलाओं ने आग लगा दी। पेची अवांग लीकाई गांव का रहने वाला 32 हेरोदास उन चार लोगों में मुख्य आरोपी है, जिन्हें 4 मई को मणिपुर के थौबल जिले में कुकी-ज़ोमी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न घुमाने और यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अन्य तीन की पहचान अभी उजागर नहीं की गई है।
बता दें कि 4 मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया व सामूहिक दुष्कर्म किया गया। 18 मई को एफ़आईआर हुई। फिर भी 62 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब कार्रवाई तब हो रही है जब उस घटना का वीडियो वायरल हुआ है और इसने पूरे देश को झकझोर दिया है।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गुरुवार देर शाम को कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के भयावह मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। राज्य की पुलिस ने कहा कि दो अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है। इससे कुल गिरफ्तारियों की संख्या चार हो गई है। इसमें से एक को कल सुबह ही गिरफ़्तार किया गया था।
3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं। यह हिंसा अभी भी जारी है। खुद राज्यपाल अनुसुइया उइके ने इस बात को कहा है। राज्यपाल ने न्यूज़18 से बातचीत में कहा, 'आज भी कहीं न कहीं हिंसा हो रही है। करीब 350 कैम्पों में 60 हजार से ज्यादा बच्चे, महिलाएँ और पुरुष रह रहे हैं। केंद्र को दोनों कम्युनिटी को बैठाकर बात करनी चाहिए। जब तक बैठकर मसले को सुलझाया नहीं जाएगा, तब तक शांति नहीं लौटेगी।'
मणिपुर में हिंसा की वजह दो समुदायों- मेइती और कुकी समुदायों के बीच चली आ रही तनातनी है। कहा जा रहा है कि यह तनाव तब बढ़ गया जब मेइती को एसटी का दर्जा दिए जाने की बात कही जाने लगी।
इसको लेकर हजारों आदिवासियों ने राज्य के 10 पहाड़ी जिलों में एक मार्च निकाला। इन जिलों में अधिकांश आदिवासी आबादी निवास करती है। यह मार्च इसलिए निकाला गया कि मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के प्रस्ताव का विरोध किया जाए। मेइती समुदाय की आबादी मणिपुर की कुल आबादी का लगभग 53% है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है।
मणिपुर मुख्य तौर पर दो क्षेत्रों में बँटा हुआ है। एक तो है इंफाल घाटी और दूसरा हिल एरिया। इंफाल घाटी राज्य के कुल क्षेत्रफल का 10 फ़ीसदी हिस्सा है जबकि हिल एरिया 90 फ़ीसदी हिस्सा है। इन 10 फ़ीसदी हिस्से में ही राज्य की विधानसभा की 60 सीटों में से 40 सीटें आती हैं। इन क्षेत्रों में मुख्य तौर पर मेइती समुदाय के लोग रहते हैं।
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