गुजरात में मतदान शुरू होने से पहले भावना का ‘ब्रह्मास्त्र’ बीजेपी ने चल दिया है। मौका कांग्रेस ने दिया है या कि मौका बीजेपी ने ढूंढ़ लिया है- इस पर दो मत हो सकते हैं। लेकिन, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान को ‘नरेंद्र मोदी की तुलना रावण से करने का मुद्दा’ एक संपूर्ण पैकेज के रूप में मतदाताओं के समक्ष परोसा जा चुका है।
खड़गे बयान न देते तो क्या गुजरात हार रही थी बीजेपी?
- गुजरात
- |
- |
- 30 Nov, 2022

बीजेपी की ओर से नरेंद्र मोदी को कांग्रेस नेताओं के द्वारा दी गई गालियों की पैकेजिंग करके गुजरात के लोगों के सामने पेश किया गया है। इन गालियों को सुनाने का मकसद क्या है? नरेंद्र मोदी को गुजरात का बेटा बताते हुए सहानुभूति जुटाना और मतदाताओं का वोट पाना?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान को बीजेपी ने प्रधानमंत्री, देश और गुजरातियों के अपमान से जोड़ा है। बतौर अध्यक्ष सोनिया गांधी के उस बयान की भी याद दिलायी है जिसमें नरेंद्र मोदी के लिए ‘मौत का सौदागर’ कहा गया था। मणिशंकर अय्यर के ‘नीच’ वाले बयान की भी याद दिलायी गयी है।
इन बयानों को 2007 और 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए ‘फलदायी’ और स्वयं कांग्रेस के लिए ‘आत्मघाती’ साबित होना बताया जाता रहा है।