मद्रास हाई कोर्ट का एक आदेश पुदुचेरी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को झटका देने वाला है। इसने यूआईडीएआई को कहा है कि वह यह पता लगाए कि बीजेपी की पुदुचेरी इकाई ने वोटरों के मोबाइल नंबर कहाँ से निकाले। अदालत ने चुनाव आयोग और पुलिस को भी अपनी-अपनी जाँच जारी रखने और छह हफ़्ते बाद रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। पुदुचेरी में चुनाव होने वाले हैं और इस लिहाज से बीजेपी के लिए कोर्ट का यह आदेश नुक़सान पहुँचाने वाला हो सकता है।
कोर्ट का यह फ़ैसला एक याचिका पर आया है। यह याचिका भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की युवा इकाई डीवाईएफ़आई की स्टेट कमिटी के अध्यक्ष ए आनंद ने दाखिल की थी।
आनंद ने याचिका में आरोप लगाया कि आधार से जुड़े मतदाताओं का विवरण बीजेपी के चुनाव अभियान के लिए इस्तेमाल किया गया था। आनंद ने कहा कि उन्हें और केंद्र शासित प्रदेश के अन्य निवासियों को बूथ-स्तर के वाट्सऐप समूहों में शामिल होने के लिए कथित तौर पर बीजेपी से उनके फ़ोन पर संदेश के रूप में इनविटेशन लिंक मिले। इसके अलावा, दलील में कहा गया है कि संदेश केवल उन फोन नंबरों पर प्राप्त किए गए थे जो आधार कार्ड से जुड़े थे, जबकि आधार से नहीं लिंक किए गए नंबर को ऐसे कोई संदेश नहीं मिले थे।
मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने बीजेपी पुदुचेरी के इस रुख पर भी संदेह जताया कि इसने पार्टी के कार्यकार्ताओं द्वारा किए गए डोर-टू-डोर अभियानों के ज़रिए मोबाइल नंबर हासिल किए हैं।
कोर्ट के आदेश में कहा गया, 'एक विश्वसनीय आरोप लगाया गया है कि केवल आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल फ़ोन पर एसएमएस संदेश मिले हैं। अब यूआईडीएआई की ज़िम्मेदारी है कि ठोस जवाब दे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऐसी एक निकाय है जिसे नागरिकों की सूचना को जिम्मेदारी के साथ दी गई है। सूचना लीक, यदि कुछ ऐसा हुआ है तो, होने के स्रोत का पता लगाने के लिए एक उपयुक्त जाँच आयोजित की जाएगी।'
ए आनंद की याचिका पर उनका पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील ने कोर्ट से माँग की कि चुनाव आयोग को बीजेपी की इकाई को सस्पेंड कर देना चाहिए। उन्होंने बीजेपी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे आरोप लगाए गए हैं कि चुनावी लाभ के इतर यह मामला लोगों की निजता में सेंधमारी का भी है। चुनावी माहौल में यह मुद्दा खोना नहीं चाहिए। लोकतंत्र में विश्वास बनाए रखने के लिए और निष्पक्ष चुनाव के लिए ज़िम्मेदार संस्थान इस मामले पर जवाब दें।
बीजेपी पुदुचेरी ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है या नहीं, यह तय करने की ज़िम्मेदारी न्यायालय ने चुनाव आयोग पर छोड़ दी है। चुनाव आयोग ने कल अदालत को सूचित किया था कि दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा मामले की जाँच की जा रही है और एक या दो दिन में निर्णय लिया जाएगा।
हालाँकि, बीजेपी ने याचिका में लगाए गए आरोपों को साज़िश क़रार देते हुए खारिज कर दिया है। 'इंडिया टुडे' से बातचीत में पुडुचेरी के बीजेपी प्रमुख राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डीवाईएफआई के कार्यकर्ताओं का कोर्ट जाना और बीजेपी पर आरोप लगाना साज़िश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ये उन लोगों की साज़िश है जो लोग बीजेपी से लड़ नहीं पा रहे हैं।'
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