मणिपुर में जब 3 मई को बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हुई थी तो क्या स्थिति नियंत्रित करने के लिए केंद्र ने क़दम उठाए थे? क्या आंतरिक गड़बड़ी से बचाने के लिए राज्यों में लगाया जाने वाला अनुच्छेद 355 लागू किया गया था? कम से कम तब तो मीडिया रिपोर्टों में साफ़-साफ़ यही कहा गया था कि 4 मई को केंद्र ने अनुच्छेद 355 लगाकर राज्य में हिंसा को नियंत्रित करने का काम शुरू कर दिया है? लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि क्या सच में ऐसा हुआ कि अनुच्छेद 355 लगाया गया?