पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और सत्ता के सबसे बड़े दावेदार के तौर पर उभरी भारतीय जनता पार्टी के बीच लगातार तेज़ होती राजनीतिक शतरंज की बाज़ी में राज्य काडर के आईपीएस अधिकारी मोहरा बनते जा रहे हैं। दोनों राजनीतिक दलों के बीच जारी खींचतान और अहं के टकराव का खामियाजा इन अधिकारियों को भुगतना पड़ रहा है। ताज़ा विवाद बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के काफिले पर बीते सप्ताह हुए हमले के बाद उभरा है। जिस दक्षिण 24-परगना ज़िले में उक्त हमला हुआ वहाँ सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को केंद्र ने डेपुटेशन पर बुला लिया है।
बंगालः राजनीतिक मोहरा बन रहे अफ़सर
- पश्चिम बंगाल
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- प्रभाकर मणि तिवारी
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- 18 Dec, 2020

प्रभाकर मणि तिवारी
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और सत्ता के सबसे बड़े दावेदार के तौर पर उभरी भारतीय जनता पार्टी के बीच लगातार तेज़ होती राजनीतिक शतरंज की बाज़ी में राज्य काडर के आईपीएस अधिकारी मोहरा बनते जा रहे हैं।
केंद्र का यह आदेश नड्डा पर हमले के दो दिन बाद ही आया था। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन तीनों अधिकारियों को रिलीज करने से इंकार कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस सांसद और एडवोकेट कल्याण बनर्जी ने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह सचिव को एक कड़ा पत्र भेज कर इसे बदले की भावना से की गई कार्रवाई क़रार दिया है। दूसरी ओर, इस बढ़ती तनातनी के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 19 दिसंबर को दो-दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुँचना है। इससे टकराव और तेज़ होने का अंदेशा है।
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प्रभाकर मणि तिवारी
लेखक ने पूर्वोत्तर