भारत में कोविशील्ड नाम की जिस वैक्सीन से बड़े पैमाने पर टीकाकरण किया गया उसको बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने वैक्सीन के गंभीर दुष्प्रभावों की बात को स्वीकार किया है। कंपनी ने ब्रिटिश अदालत के सामने कबूल किया है कि इसके कारण होने वाले साइड इफेक्ट के रूप में खून के थक्के जम सकते हैं और प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है जिसके कारण हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ सकता है। यह रिपोर्ट आते ही भारत में भी तीखी प्रतिक्रिया हुई और प्रधानमंत्री मोदी तक को सोशल मीडिया पर निशाना बनाया गया।
इसको लेकर प्रधानमंत्री की आलोचना क्यों की गई, लोगों ने क्या प्रतिक्रिया दी, इसको जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर एस्ट्राज़ेनेका द्वारा कबूल किए जाने का यह मामला क्या है।
कोविड संक्रमण के काल में एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय ने एक वैक्सीन विकसित की। इस वैक्सीन को बनाने के लिए भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने क़रार किया और इसको भारत में कोविशील्ड नाम से वैक्सीन बनाना शुरू किया। इस वैक्सीन को लेकर शुरू से ही ब्लड क्लॉटिंग के गंभीर मामले आने की शिकायतें आती रही हैं।
कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने इस बात को तब स्वीकार किया है जब वह इस वैक्सीन के कारण कुछ केस में मानव स्वास्थ्य को होने वाले गंभीर नुकसान और कई मौतों के आरोपों से जुड़े मुकदमों को झेल रही है। इसने पहली बार अदालती दस्तावेजों में माना है कि उसकी कोविड 19 वैक्सीन दुर्लभ दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है।
अखिलेश यादव बुद्धिजीवी आदमी है। विदेश में पढ़े लिखे है। लंबी और गहरी समझ रखते है। लोगों को आज समझ भी आ रहा होगा। #ArrestNarendraModi pic.twitter.com/640q7qECkk
— Hansraj (@HansrajTribal_) April 30, 2024
हमारे नेता ने भाजपा की वैक्सीन लगाने से मना किया तो लोगों ने मजाक बनाया। आज उनकी बात सच साबित हुई। इस अपराध में शामिल सभी लोगों की गिरफ़्तारी होनी चाहिए।#ArrestNarendraModi pic.twitter.com/WgeswSnuqw
— Parmindar Ambar (@ParmindarAmbar) April 30, 2024
अब समझ आया उसने कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी से एक ही दिन में 52 करोड़ का चंदा क्यों लिया? हार्ट अटैक से हुई लाखों मौतों का जिम्मेदार सिर्फ वही है।#ArrestNarendraModi #CovieShield #Covishield #CovidVaccines pic.twitter.com/tB3f5W7CVl
— Kunal Shukla (@kunal492001) April 30, 2024
कोविशिल्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स से जिनकी हाट- अटैक या ब्रेन स्ट्रोक होकर मौत हुई है उनके जिम्मेदार कौन है?
— Tribal Army (@TribalArmy) April 30, 2024
1. पूनावाला
2. मोदी
3. उपरोक्त दोनों #ArrestNarendraModi pic.twitter.com/nIUSfRVOO6
बता दें कि एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल भारत सहित दुनिया के कई देशों में हो चुका है। इसका टीकाकरण किए जाने के दौरान ही कई यूरोपीय देशों से ब्लड क्लॉटिंग के मामले सामने आए थे।
2022 में ही एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में कहा गया था कि फाइजर की तुलना में एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन से जुड़े मामलों में ब्लड क्लॉटिंग का जोखिम ज़्यादा रहा है। इसमें कहा गया है कि यह 30 फ़ीसदी तक अधिक है। इससे पहले 2021 में ही एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन पर यूरोपीय यूनियन के बड़े देशों- जर्मनी, इटली, फ्रांस जैसे कई देशों ने तात्कालिक तौर पर रोक लगा दी थी। ऐसे मामले भारत में भी आए थे। टीकाकरण के बाद विपरीत प्रभावों पर नज़र रखने वाले सरकारी पैनल ने कहा था कि कोविड वैक्सीन के बाद रक्तस्राव और थक्के जमने के मामले मामूली हैं और ये उपचार किए जाने के अपेक्षा के अनुरूप हैं।
पैनल ने कहा था कि उसने 700 में से 498 'गंभीर मामलों' का अध्ययन किया और पाया कि केवल 26 मामले थ्रोम्बोम्बोलिक मामले के रूप में रिपोर्ट किए गए थे। इसको आम भाषा में कह सकते हैं कि ख़ून के थक्के जमने के इतने घातक मामले आए थे। पैनल ने कहा था कि एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन कोविशील्ड के कुछ केसों से ख़ून का थक्का जमने का मामला जुड़ा हुआ है। इसने कहा था कि प्रति मिलियन खुराक में ख़ून के थक्के जमने के 0.61 से भी कम मामले आए।
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