डीपफेक वीडियो का अब आलिया भट्ट शिकार बनी हैं। रश्मिका मंदाना, काजोल, कैटरीना कैफ और सारा तेंदुलकर सहित कई मशहूर हस्तियों के डीपफेक पहले इंटरनेट पर सामने आ चुके हैं। डीपफेक वीडियो में इन मशहूर हस्तियों की तस्वीरें आपत्तिजनक रूप से दिखाई गई हैं।
डीपफेक को लेकर गंभीर चिंताओं और पीएम मोदी तक द्वारा कड़ी कार्रवाई की चेतावनी के बीच ही अब आलिया भट्ट का नया डीपफेक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में अश्लील इशारे करते हुए दिखाया गया है।
डीपफ़ेक एक तरह से फ़ेक यानी नकली चीज के लिए इस्तेमाल होता है। लेकिन यह इतनी गहराई से यानी सॉफिस्टिकेटेड तरीक़े से नकली बनाया जाता है कि इसको पकड़ना बेहद कठिन होता है कि यह नकली बनाया गया है। इसका इस्तेमाल आम तौर पर तस्वीरों और वीडियो के लिए होता है।
रश्मिका मंदाना, कैटरीना कैफ, काजोल भी डीपफेक का शिकार हुई हैं। काजोल वाले वीडियो के मामले में फैक्ट चेकर बूम ने रिपोर्ट दी थी कि मूल वीडियो एक सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशर का था और काजोल के चेहरे को वीडियो में बदल दिया गया। एक पल के लिए हेरफेर किए गए वीडियो में मूल महिला का चेहरा दिखता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मूल वीडियो 5 जून को "गेट रेडी विद मी" ट्रेंड के हिस्से के रूप में टिकटॉक पर अपलोड किया गया था।
केंद्रीय आईटी राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत केंद्र सरकार इंटरनेट का उपयोग करने वाले सभी नागरिकों की सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
रश्मिका के बाद कैटरीना कैफ का एक डीपफेक फोटो सामने आया था। उनकी आगामी फिल्म 'टाइगर 3' से जुड़ी इस तस्वीर को मॉर्फ कर वायरल किया गया। इसकी मूल तस्वीर को कैटरीना ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था।
बढ़ती चिंताओं के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि डीपफेक के निर्माण और प्रसार पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल की कड़ी सजा का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले हफ्ते कहा था कि केंद्र जल्द ही ऐसी सामग्री के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेगा।
आपको बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में कहा है कि केंद्र सरकार नागरिकों को आईटी नियमों के उल्लंघन के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सक्षम बनाएगी।
इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यानी एमईआईटीवाई द्वारा विशेष वेबसाइट बनाई जाएगी। इसके माध्यम से लोग अधिकारियों को इसके बारे में बता सकेंगे। चंद्रशेखर ने कहा, 'एमईआईटीवाई यूज़रों को आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में बहुत आसानी से सूचित करने और एफआईआर दर्ज करने में सहायता करेगा।'
उन्होंने कहा है, 'सभी प्लेटफ़ॉर्म और इंटरमीडियरी इस बात पर सहमत हुए हैं कि भले ही हम नए कानूनों और नियमों पर चर्चा करें, मौजूदा क़ानून उन्हें डीपफेक से निर्णायक रूप से निपटने में सक्षम हैं।' उन्होंने कहा है कि प्लेटफ़ॉर्म इस बात पर सहमत हुए हैं कि अगले 7 दिनों के भीतर वे यह सुनिश्चित करेंगे कि यूज़रों के साथ सभी नियम और शर्तें लागू हों। मंत्री के अनुसार, इंटरमीडियरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और यदि वे जानकारी का खुलासा करते हैं कि सामग्री कहां से आई है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी जिसने सामग्री पोस्ट की थी।
चन्द्रशेखर ने कहा कि मौजूदा कानूनों और नियमों में डीपफेक से निपटने के लिए साफ़ प्रावधान हैं।
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