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नूंह हिंसा: धर्म स्थल परिसर से फायरिंग करने वाला कौन?

नूंह के जिस नलहर महादेव मंदिर में कथित तौर पर उपद्रवियों द्वारा पत्थर फेंके जाने की ख़बरें आई थीं, उसके परिसर का अब एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया है। इसमें दिखता है कि मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में लोग हैं, पुलिसकर्मी भी हैं और वहीं पर एक शख्स मंदिर परिसर से पहाड़ियों की ओर फायरिंग करता है।

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैन ने उस वीडियो को ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा है कि पुलिस की मौजूदगी में नलहर शिव मंदिर में से फायरिंग करने वाला शख्स कौन है? वह ट्विटर थ्रेड में यह साबित करने की कोशिश करते हैं कि आख़िर वह शख्स कौन है। उन्होंने एक ट्वीट में दावा किया है कि मंदिर परिसर के अंदर से गोली चलाने वाला लड़का एक वकील है।

आगे के ट्वीट में उन्होंने दावा किया है, "बंदूक चलाते दिख रहा शख्स 'अशोक बाबा', फरीदाबाद बजरंग दल का 'कार्यकर्ता' है। उसने हाल ही में हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा से मुलाकात की एक फेसबुक पोस्ट साझा की थी।'

जु़बैर ने एक पुराना वीडियो साझा करते हुए लिखा है कि पुराने वीडियो में मोनू मानेसर के बगल में बैठा दिखा अशोक बाबा। उन्होंने कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा है, 'फरीदाबाद का अशोक बाबा गाय के ट्रांसपोर्टरों पर कई हमलों में मोनू मानेसर का साथी रहा है। वीडियो में आप उसे मोनू मानेसर के साथ बैठे हुए देख सकते हैं।'

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उन्होंने ऐसे ही कई वीडियो और तस्वीरें साझा कर दावा किया है कि मंदिर परिसर से गोली चलाने वाला शख्स मोनू मानेसर के साथ दिखता रहा है। मंदिर परिसर वाले वीडियो के स्क्रीनशॉट साझा करते हुए मोहम्मद ज़ुबैर ने लिखा है कि "उस समय बजरंग दल के बहुत सारे 'कार्यकर्ता' थे। उसने पुलिस की मौजूदगी में गोली चलाई।"

बता दें कि इसी नलहर महादेव मंदिर से सोमवार को बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा निकाली गई थी जिसे विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित किया गया था। तब कई रिपोर्टों में और हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने भी दावा किया था कि झड़प के दौरान इस मंदिर में हजारों लोग 'होस्टेज' बनाकर रखे गए थे और पुलिस के पहुँचने पर उन्हें छुड़ाया जा सका था। हालाँकि मंदिर के पुजारी ने दावा किया है कि वे बंधक नहीं बनाए गए थे और बाहर माहौल ख़राब होने की वजह से लोग फँसे हुए थे। 

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द वायर से नलहर महादेव मंदिर के पुजारी दीपक शर्मा ने कहा, 'मंदिर में तीर्थयात्रियों का आगमन आम तौर पर सावन के महीने में अधिक होता है। सोमवार को शोभा यात्रा के कारण भक्तों की संख्या बहुत अधिक थी। वे शोभा यात्रा के दौरान अंदर आते और बाहर जाते रहे।' बंधक बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'लोगों को बांधक क्या बनाएंगे, परमात्मा की शरण में थे। अचानक पता चला कि माहौल ख़राब है। स्थिति खराब होने की वजह से अंदर फँस गए।'
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क़मर वहीद नक़वी
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