वाट्सऐप पर झूठी ख़बरें फैलाने वाले दिन-रात बिना रुके, बिना थके इस काम में जुटे रहते हैं। कभी वे अपने नेता, अपनी पार्टी की तारीफ़ में झूठी ख़बरें फैलाते हैं तो कभी दो समुदायों, दो जातियों को लड़ाने के लिये यह काम करते हैं। दिल्ली में हुए दंगों के दौरान 50 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई, हज़ारों करोड़ों की संपत्ति स्वाहा हो गई, जिंदगी रुक गई लेकिन इन लोगों ने इन हालात में झूठी ख़बरें फैलाने का काम नहीं छोड़ा। इस बार उन्होंने इंटेलीजेंस ब्यूरो के नौजवान अफ़सर अंकित शर्मा की हत्या को लेकर झूठी ख़बर फैला दी।
दो समुदायों को लड़ाने की कोशिश
अंकित की हत्या से देश का हर संवेदनशील नागरिक स्तब्ध है। अंकित का शव नाले में मिला था और मानवीय दृष्टिकोण रखने वाले सभी लोगों ने कहा कि अंकित के हत्यारों को दबोचकर उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए। लेकिन झूठी ख़बरें फैलाने वाले यहां भी बाज़ नहीं आये और उन्होंने वाट्सऐप, फ़ेसबुक सहित जितने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर वे जुड़े थे, वहां तक अफ़वाह फैला दी कि अंकित को 400 चाकू मारे गये हैं। इसका सीधा मक़सद दो समुदायों को आपस में लड़ाना था।
अंकित को 400 चाकू मारे जाने की अफ़वाह को नफ़रत भरे धार्मिक संदेशों के साथ पुरजोर ढंग से वायरल किया गया और पूरी कोशिश की गई, दिल्ली में दंगे रुकें नहीं, चलते रहें।
अब अंकित की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है उससे पता चला है कि अंकित के शरीर पर 51 घाव थे और इनमें चाकू के 12 निशान थे। रिपोर्ट के मुताबिक़, अंकित के फेफड़ों और दिमाग में गहरे घाव थे और इस वजह से उनकी मौत हुई थी। अंकित की जांघ, टांगों और पीठ पर रॉड की चोट के कुल 33 घाव थे।
अंकित के परिजनों ने आम आदमी पार्टी से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन पर अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाया और सोशल मीडिया पर फर्जी ख़बरें फैलाने वालों ने इसे ख़ूब प्रचारित किया और सोशल मीडिया को हिंदू बनाम मुसलिम नफ़रत का अखाड़ा बना दिया। उनकी कोशिश है कि दोनों धर्मों के लोगों के बीच यह नफ़रत बढ़ती रहे।
अंकित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ऐसे लोगों के चेहरे बेनक़ाब हो गये हैं जिन्होंने दिन-रात इस बात का धुआंधार प्रचार किया कि उसे 400 चाकू मारे गये हैं। ऐसे कुछ लोगों के द्वारा की गई पोस्ट के स्क्रीनशॉट देखिये।
इसी तरह के मैसेज को फ़ेसबुक पर भी कॉपी किया गया। देखिए, बिलकुल यही मैसेज कौशल कौशलेन्द्र नाम के फ़ेसबुक यूजर ने लिखा, ‘अंकित को 400 चाकू मारे गए थे। यह बर्बरता सबूत है कि तालिबान, जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस के जींस दिल्ली तक आ चुके हैं।’
मनोज तिवारी नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘अंकित शर्मा को 400 चाकू सिर्फ इसलिए मारे गये क्योंकि वह हिन्दू था, पुलिस वाले इसलिए मारे गए क्योंकि वे हिन्दू थे...?? सिर्फ ताहिर ही नहीं अमानतुल्लाह ख़ान भी मुजरिम है। थोड़ा वक्त लगेगा किन्तु अमानतुल्लाह ख़ान भी जेल की सलाखों में होगा।’
बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती जैसी वरिष्ठ नेता ने तक बिना कोई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आये इसी बात को दुहरा दिया कि अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारे गये थे। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं देश का मनोबल गिरा देंगी और पुलिस को वीडियोज में दिख रहे दंगाइयों पर कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए।
मिहिर कुमार झा नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘अंकित शर्मा को किस बेदर्दी से मारा गया, 400 बार उसे चाकू से जख्म दिये गये और 4 घंटे तक तड़पाया गया। ना किसी से दुश्मनी थी ना कोई तरह का झगड़ा था आख़िर ऐसा क्यों? सिर्फ इसलिए क्योंकि वह हिंदू थे।’
यहां एक बात पूरी तरह साफ़ है कि अंकित की मौत का दुख मानवता में भरोसा रखने वाले हर एक व्यक्ति को है लेकिन इस झूठ का पर्दाफाश होना चाहिए कि आख़िर बिना किसी मेडिकल या पोस्टमार्टम रिपोर्ट के यह बात क्यों और किस मक़सद से फैलाई गई।
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