गीता प्रेस गोरखपुर को वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार दिया जाएगा। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली जूरी ने इसका निर्णय लिया है। इसकी घोषणा के बाद से ही कई सवाल उठने लगे है और विवाद हो गया है। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद जयराम रमेश ने ट्विटर पर गीता प्रेस को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार देने पर केंद्र की खिंचाई की है। इस निर्णय काे 'उपहास भरा' बताते हुए उन्होंने इसकी तुलना सावरकर और नाथूराम गोडसे को पुरस्कार देने से की है।  उन्होंने पत्रकार अक्षय मुकुल द्वारा गीता प्रेस पर 2015 में लिखी की एक किताब का भी हवाला दिया है। लिखा है कि इस किताब में महात्मा गांधी के गीता प्रेस के साथ उतार-चढ़ाव वाले संबंधों और राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडों पर उनके साथ चली लड़ाइयों का खुलासा किया गया है।