गाँधी के विरोधी गीता प्रेस को गाँधी शांति पुरस्कार क्यों दिया गया? क्या मोदी को ये मालूम नहीं है कि गीता प्रेस के संस्थापक हनुमान प्रसाद पोद्दार को गाँधी की हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था? क्या वे ये नहीं जानते कि गाँधी की हत्या को लेकर गीता प्रेस की पत्रिका कल्याण ने कुछ नहीं लिखा था? क्या ये सही नहीं है कि गाँधी से उनके जाति और सांप्रदायिकता को लेकर गहरे मतभेद थे?