मेटा प्लेटफॉर्म्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क ज़ुकरबर्ग ने कहा है कि कंपनी 11,000 से अधिक नौकरियों की कटौती करेगी। यह कंपनी के कुल कर्मचारियों का क़रीब 13% है। एक बयान में इसका खुलासा किया गया। सोशल मीडिया की इस कंपनी के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकाले जाने का यह पहला मामला है। रिपोर्ट के अनुसार कंपनी अपनी नयी भर्ती पर रोक को भी अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक बढ़ाएगी।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मेटा कर्मचारियों को भेजे गए और कंपनी की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए बयान में जुकरबर्ग ने कहा, 'मैं इन फ़ैसलों के लिए और हम यहाँ कैसे पहुँचे, इसके लिए जवाबदेही लेना चाहता हूं। मुझे पता है कि यह सभी के लिए कठिन है, और मुझे, ख़ासकर, प्रभावित लोगों के लिए खेद है।'
ऐसी कटौती को लेकर पहले ही ख़बरें थीं। एक दिन पहले ही वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट दी थी कि मेटा के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग ने अधिकारियों से पुष्टि की है कि कंपनी कर्मचारियों की छँटनी बुधवार को ही शुरू कर देगी।
ज़ुकरबर्ग ने मंगलवार सुबह कंपनी के सैकड़ों अधिकारियों को संबोधित करते हुए बड़ी कटौती का संकेत दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, ज़ुकरबर्ग ने समूहों के रूप में भर्ती और व्यावसायिक टीमों का ज़िक्र किया था, जो छँटनी का काम देखेंगी।
मेटा प्लेटफॉर्म्स के तहत आने वाले फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप में कर्मचारियों की छंटनी की यह योजना तब आई है जब कंपनी का मुनाफा निराशाजनक रहा है और बिक्री में गिरावट आई है। माना जा रहा है कि इसी को देखते हुए कंपनी ने लागत में कटौती की रणनीति बनाई है और छंटनी इसी योजना का हिस्सा है।
सितंबर के अंत में मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने कर्मचारियों को बताया था कि मेटा ने ख़र्च कम करने और टीमों को पुनर्गठित करने की योजना बनाई है। मेटा की योजना है कि 2022 की तुलना में 2023 में कर्मचारियों की संख्या कम हो।
अधिकारियों को छँटनी के लिए तैयार करने के लिए जुकरबर्ग ने 8 नवंबर को उनके साथ बात की थी। मेटा की बैठक में शामिल लोगों ने वाल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि जुकरबर्ग ने कहा है कि वह कंपनी में आई मंदी के लिए जवाबदेह हैं। अख़बार ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि मेटा के मानव संसाधन प्रमुख लोरी गोलर ने कहा है कि जिन कर्मचारियों की नौकरी जाएगी उन्हें कम से कम चार महीने का वेतन दिया जाएगा।
फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की मूल कंपनी मेटा ने सितंबर के अंत में कहा है कि उसके 87,000 से अधिक कर्मचारी हैं।
कहा जा रहा है कि 2004 में फ़ेसबुक की स्थापना के बाद से पहली बार ऐसी कटौती की जा रही है। ऐसा डिजिटल विज्ञापन राजस्व में भारी कमी को देखते हुए किया जा रहा है।
मेटा में छँटनी की यह ख़बर तब आई है जब कुछ दिन पहले ट्विटर ने बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों को बाहर निकाला है। रिपोर्ट तो यह है कि इसने 90 फ़ीसदी भारतीय कर्मचारियों को छुट्टी कर दी है और अब बस कुछ गिनती भर कर्मचारी रह गए हैं। कहा जा रहा है कि दुनिया भर में ट्विटर के क़रीब आधे कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है।
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