कहते हैं इतिहास दोहराता है। वैसे, 8 साल पहले की बात उतनी पुरानी भी नहीं कि इतिहास कहा जाए! लेकिन रुपये की क़ीमत गिरने पर जैसी राजनीतिक प्रतिक्रिया 2014 से पहले हो रही थी अब उसी प्रतिक्रिया को दोहराया जा रहा है! प्रधानमंत्री मोदी के विरोधियों और उनकी नीतियों के आलोचकों ने अब सोशल मीडिया पर उनके ही भाषण साझा किए हैं। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी एक डॉलर की क़ीमत 58 रुपये या इससे कम होने पर ही भाषण देते फिर रहे थे।