सोशल मीडिया पर 'बिंगो का बहिष्कार' ट्रेंड करता रहा। वजह थी विज्ञापन। विज्ञापन से भावनाएँ तो आहत हुईं, लेकिन वे भावनाएँ न तो धार्मिक थीं और न ही जातीय या फिर 'लव जिहाद', जैसा कि हुआ। इस बार कुछ शब्दों ने सोशल मीडिया यूज़रों को आहत कर दिया! आपत्ति है कि विज्ञापन में 'फ़ोटोन', 'अल्गोरिथम', 'पाराडॉक्स' जैसे शब्द इस्तेमाल नहीं किए जाने चाहिए थे। आरोप लगाया गया कि विज्ञापन में इन शब्दों के माध्यम से सुशांत सिंह राजपूत का मज़ाक़ उड़ाया गया। अब भावनाएँ तो भावनाएँ हैं। चाहे वे धार्मिक हों या चहेते अभिनेता के प्रति लगाव वाली। भावनाएँ आहत होने पर ब्रांड के बहिष्कार का ट्रेंड जो बन गया है! तनिष्क ज्वैलरी के विज्ञापन पर आपत्ति हो तो ज्वैलरी का बहिष्कार। चीन पर ग़ुस्सा हो तो चीनी सामानों का बहिष्कार।
एड में सुशांत का 'मज़ाक़ उड़ाया'? अब बिंगो का बहिष्कार
- सोशल मीडिया
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- 20 Nov, 2020
सोशल मीडिया पर 'बिंगो का बहिष्कार' ट्रेंड करता रहा। वजह थी विज्ञापन। आरोप लगाया गया कि विज्ञापन में शब्दों के माध्यम से सुशांत सिंह राजपूत का मज़ाक़ उड़ाया गया। अब भावनाएँ तो भावनाएँ हैं।
