मौजूदा शासन में घटनाएं इस कदर तेजी से घट रही हैं कि एक घटना के बारे में लोग अपनी राय बनायें तब तक उससे भी बड़ी कोई दूसरी घटना घट जाती है। तरह-तरह के फ़ैसलों के बारे में भी यही कहा जा सकता है। अभी सरकार ने कोई एक विवादास्पद फ़ैसला लिया और उस पर समाज में चर्चा शुरू हो कि उससे पहले ही कोई और बड़ा फ़ैसला ले लिया जाता है। पिछले कुछ महीनों में कितने सारे मसले, कितने सारे फ़ैसले सामने आ चुके हैं। एक से एक बढ़कर भयावह, विवादास्पद और दूरगामी महत्व या असर वाले!