दुनिया में ऐसे और भी देश हैं, जहाँ की सरकारें अपने संवेदनशील सरहदी इलाक़ों में सुरक्षा का बंदोबस्त पुख्ता रखती हैं। उस इलाक़े में कोई ख़ास बात होती है या कोई बड़ा विवादास्पद फ़ैसला लिया जाना होता है तो सरकारें सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाती भी हैं। पर ऐसा कहीं नहीं देखा गया कि सरकार अपने किसी संवेदनशील सरहदी इलाक़े में कायम शांति-व्यवस्था और अपेक्षाकृत बेहतर हालात को स्वयं ही ख़राब करे या अपने कुछ विवादास्पद क़दमों से तरह-तरह की अटकलों और अफ़वाहों के लिए आधार बनाए! भारत के जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील सरहदी सूबे में आज ठीक ऐसा ही हो रहा है। बीते तीन-चार दिनों से श्रीनगर सहित पूरे सूबे में अफ़वाहों-अटकलों का बाज़ार ज़्यादा गर्म है। लोगों के बीच घबराहट है और बाजार में अफ़रा-तफ़री मची है। पेट्रोल पंपों, दवा, अनाज और खाने-पीने के अन्य सामान की दुकानों पर भारी भीड़ है। इसकी ख़ास वजह है- सरकार की तरफ़ से जारी की गई एक ख़ास एडवाइज़री!