करगिल के 20 बरस हो गए! हिन्दुस्तान अखबार के संवाददाता के रूप में हमने 1999 में करगिल की वह लड़ाई कवर की थी! लड़ाई ख़त्म होने के कुछ समय बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने करगिल कवर करने वाले हम सभी संवाददाताओं को प्रधानमंत्री-निवास पर एक संवाद-सह-भोज पर आमंत्रित किया था! लेकिन उस दिन लड़ाई के बारे में उन्होंने पूछे जाने के बावजूद कोई टिप्पणी नहीं की! बस एक अच्छे मेजबान की भूमिका निभाई! वह सिर्फ पत्रकारों के अनुभव सुनते रहे।

करगिल लड़ाई के 20 साल बाद उन दिनों को याद कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, जब वह उस लड़ाई को कवर करने के लिए वहाँ मौजूद थे। वह ये सवाल भी उठा रहे हैं कि करगिल के बाद दोनों देशों के रिश्तों में क्या बदलाव हुए और अब आगे का रास्ता क्या है।