गोत्र विवाद से मित्रवर अजीत अंजुम बहुत नाराज़ हैं। उनका कहना है, यह भी कोई बात हुई! कोई जबरन किसी का गोत्र कैसे पूछ सकता है? फिर जब पूछने पर उसका गोत्र पता ही चल गया तो आप उसकी प्रामाणिकता पर संदेह क्यों कर रहे हैं? अगर बात ऐसे ही बढ़ती रही तो कल को लोग एक-दूसरे का डीएनए सर्टिफ़िकेट माँगने लगेंगे। अब अगर गोत्र पूछने वाले और बताने वाले दोनों एक ही डीएनए के निकल गए तो क्या होगा? इसकी संभावना बहुत ज़्यादा है क्योंकि गोत्र विवाद के दोनों तरफ नेता हैं और नेताओं का डीएनए अमूमन एक-सा ही होता है।