दुनिया भर के मुसलमानों के लिए ईद-उल-फितर की बेहद अहमियत है। यह त्योहार इसलाम के अनुयायियों के लिए एक अलग ही ख़ुशी लेकर आता है। ईद के शाब्दिक मायने ही ‘बहुत ख़ुशी का दिन’ है। ईद का चाँद आसमां में नज़र आते ही माहौल में एक ग़जब का उल्लास छा जाता है। हर तरफ़ रौनक ही रौनक अफरोज हो जाती है। चारों तरफ़ मुहब्बत ही मुहब्बत नज़र आती है। एक मुकद्दस ख़ुशी से दमकते सभी चेहरे इंसानियत का पैगाम माहौल में फैला देते हैं। शायर मोहम्मद असदुल्लाह ईद की कैफियत कुछ यूँ बयाँ करते हैं, ‘महक उठी है फजा पैरहन की खुशबू से/चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है।’