भीकाजी कामा को हम यूरोप में रहकर राष्ट्रवादी मुहिम चलाने और सभी तरह के क्रांतिकारियों को एक झंडे तले लाने वाली शख्सियत के रूप में जानते हैं, लेकिन उनके जीवन में प्लेग की महामारी ने भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
दुनिया कोरोना वायरस के भयानक संक्रमण से जूझ रही है, करोड़ों लोग अपने काम-काज छोड़ अपने घरों में बैठे हैं और लाखों परिवार को भूखा सोने की नौबत आ गई है। ऐसे में ईद का ख़ुशियाँ तभी आएँगी जब लोगों को भूखे पेट न सोने दें।
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में कहा गया है कि मौजूदा महीनों में 143 देशों के जो 36 करोड़ 85 लाख बच्चे स्कूल जाने से महरूम रह गए और जिन्हें 'मिड डे स्कूल मील' नहीं मिल पा रहा है, वे ज़बरदस्त कुपोषण का शिकार हैं।