राजस्थान के कैबिनेट मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी ने कहा है कि उसे हनी ट्रैप के जरिए फंसाया गया। एक युवती के द्वारा रोहित जोशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद से ही मंत्री पुत्र फरार है और दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
जोशी ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसके युवती के साथ संबंध थे और दोनों ने सहमति से संबंध बनाए थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, रोहित जोशी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उसके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।
क्या कहा है याचिका में?
याचिका में रोहित जोशी ने कहा है कि वह सोशल मीडिया के जरिए युवती के संपर्क में आया और समाज में उसके पिता व उसके रसूख को देखते हुए युवती ने ही उससे दोस्ती करने का ऑफर रखा था।
रोहित जोशी ने कहा है कि पिछले साल 8 जनवरी को वे दोनों अपने कुछ दोस्तों के साथ रणथंबोर गए थे और वहां पर दोनों ने आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे।
मंत्री पुत्र ने कहा है कि वह और युवती पिछले डेढ़ साल से संपर्क में थे और दोनों ने एक-दूसरे को गिफ्ट भी दिए थे। रोहित जोशी ने याचिका में आरोप लगाया है कि युवती उसे ब्लैकमेल कर रही थी और मांग कर रही थी कि वह अपनी पत्नी से तलाक ले और उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहे।
रोहित ने कहा है कि युवती के द्वारा दबाव बनाने के बाद इस साल 25 फरवरी को जयपुर में उन दोनों के बीच लिव इन में रहने को लेकर एक समझौता हुआ और उसने अपनी पत्नी से तलाक लेने के लिए याचिका भी दायर कर दी थी।
युवती का बयान
वहीं, इस मामले में युवती का कहना है कि रोहित जोशी ने ही उससे सोशल मीडिया के जरिए बात करने की कोशिश की और उसे ऐसा लगता था कि वह एक अच्छा इंसान है लेकिन वह भेड़िया निकला। युवती का कहना है कि रोहित जोशी कई लड़कियों को अपने जाल में फंसा चुका है।
युवती की ओर से दिल्ली के सदर पुलिस थाने में 8 मई को रोहित जोशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर में कहा गया था कि रोहित ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया और उसे ब्लैकमेल किया। युवती ने कहा था कि रोहित के साथ संबंध बनाने के बाद बीते साल अगस्त में वह गर्भवती हो गई थी।
पुलिस ने युवती की शिकायत पर रोहित के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
रोहित जोशी की गिरफ्तारी के लिए कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस जयपुर पहुंची थी लेकिन रोहित वहां से गायब था। दिल्ली पुलिस ने उसके घर पर नोटिस चिपकाया था और कहा था कि वह 18 मई को पूछताछ के लिए थाने में हाजिर हो। लेकिन रोहित जोशी दिल्ली पुलिस के सामने हाजिर नहीं हुआ।
दिल्ली पुलिस ने रोहित जोशी की तलाश में उत्तराखंड में कुछ जगहों पर छापेमारी की है।
इस मामले में कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने शनिवार को कहा है कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है और अदालत के आदेशों का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है और पुलिस अपना काम कर रही है।
उधर, बीजेपी गहलोत सरकार पर महेश जोशी को कैबिनेट से हटाने के लिए दबाव बना रही है।
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