अपने बाग़ी नेता सचिन पायलट की वजह से मुसीबतों से दो-चार हो चुकी गहलोत सरकार को क्या फिर से सियासी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। ख़ुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि बीजेपी उनकी सरकार गिरा सकती है।
डोटासरा ने दावा किया है कि बीजेपी ने एक बार फिर से अशोक गहलोत सरकार को गिराने की कोशिशें तेज़ कर दी हैं। हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि कांग्रेस के विधायक अटूट हैं और वे किसी दबाव व लालच में नहीं आएंगे। डोटासरा ने राजस्थान बीजेपी के नेताओं से सवाल पूछा कि वे बताएं कि क्या वे ऐसी साज़िश नहीं रच रहे हैं।
बीते शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बात का दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह राजस्थान की सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। गहलोत ने दावा किया कि शाह, बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान, सैयद ज़फर इसलाम कांग्रेस के कुछ नेताओं से मिले थे।
गहलोत ने कहा, ‘उन्होंने (शाह ने) विधायकों से कहा कि वे पांच अलग-अलग राज्य सरकारों को गिरा चुके हैं और राजस्थान का छठा नंबर होगा।’ गहलोत ने एनडीटीवी से कहा कि शाह ने कांग्रेस विधायकों से यह बात एक गुप्त बैठक के दौरान कही थी।
राजस्थान के सियासी संकट के दौरान अपने ही साथी सचिन पायलट पर सीधा हमला बोलने वाले गहलोत ने कहा कि उनके विधायकों ने शाह और प्रधान के साथ बैठक के बाद उन्हें यह बात बताई थी और यह भी कहा था कि वे इस बात से शर्मिंदा हैं कि ऐसा व्यक्ति उनका गृह मंत्री है।
बीजेपी ने खारिज किए आरोप
डोटासरा और गहलोत के आरोपों का जवाब देते हुए राजस्थान में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ‘अगर अशोक गहलोत अपनी कैबिनेट का विस्तार करते हैं तो उनकी सरकार गिर जाएगी क्योंकि कई नेता मंत्री बनने की दौड़ में हैं और उन सभी को यह पद नहीं दिया जा सकता।’ कटारिया ने कहा कि इसीलिए गहलोत बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं।
कटारिया ने कहा कि छह महीने में गहलोत सरकार गिर जाएगी और उसके बाद बीजेपी सरकार बनाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि जब आपके ख़ुद के ही घर में सब ठीक नहीं है तो दूसरों पर इस तरह के आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं बनता है। कटारिया ने गहलोत के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
राजस्थान में रिसॉर्ट पॉलीटिक्स
राजस्थान में चले सियासी संकट के दौरान गहलोत को कई दिन तक अपने विधायकों को रिसॉर्ट में रखना पड़ा था। उनके समर्थक विधायक राजस्थान के रिसॉर्ट्स में रुके थे जबकि सचिन पायलट के समर्थक विधायक गुड़गांव के मानेसर में स्थित एक रिसॉर्ट में रुके थे। दोनों दिग्गजों के बीच हुए जोरदार घमासान के बाद राहुल व प्रियंका गांधी के मध्यस्थता करने पर मामला सुलझ सका था।
हाल के दिनों में इस बात की चर्चा तेज़ हुई है कि विपक्ष शासित राज्य महाराष्ट्र और झारखंड में बीजेपी ऑपरेशन लोटस चला सकती है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ऑपरेशन लोटस के जरिये कर्नाटक, मध्य प्रदेश में उसकी राज्य सरकार को गिरा चुकी है और गोवा, गुजरात, उत्तराखंड में कई विधायकों को तोड़ चुकी है।
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