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कोर्ट के सुरक्षा देने के बाद भी दलित युवक संग गई युवती की हत्या

राजस्थान हाई कोर्ट के द्वारा युवक-युवती को सुरक्षा देने के बावजूद युवती की हत्या कर दी गई। हत्या युवती के पिता ने की है। लड़की का कसूर सिर्फ़ इतना था कि वह दलित समाज के एक युवक से प्रेम करती थी और घर छोड़कर उसके साथ चली गयी थी। घटना दौसा की है और युवती के पिता का नाम शंकर लाल सैनी है। 

दौसा के एसपी अनिल कुमार ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, “पिंकी की 16 फ़रवरी को शादी हुई थी लेकिन 21 फ़रवरी को वह रोशन महावर नाम के युवक के साथ घर से चली गयी थी। 26 फ़रवरी को ये दोनों राजस्थान हाई कोर्ट पहुंचे और अदालत ने आदेश दिया था कि स्थानीय पुलिस उन्हें सुरक्षा दे और जहां भी वे जाना चाहते हैं उन्हें ले जाया जाए।” 

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एसपी के मुताबिक़, “पुलिस पिंकी और रोशन के कहने पर उन्हें जयपुर ले आई। 1 मार्च को पिंकी और रोशन, रोशन के दौसा स्थित घर वापस आ गए लेकिन पिंकी के घर वाले उसे जबरन वहां से ले गए।” एसपी ने कहा कि बुधवार रात को पिंकी के पिता शंकर लाल सैनी पुलिस स्टेशन पहुंचे और बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की हत्या कर दी है। एसपी ने कहा कि पुलिस ने मौक़े पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया। लड़की का गला दबाए जाने के निशान मिले हैं। 

एसपी ने कहा कि पिता के ख़िलाफ़ हत्या का मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है और क्या बाक़ी लोग भी हत्या में शामिल हैं, इसकी जांच की जा रही है। 

40 लोग आए थे 

रोशन ने कहा कि पिंकी के परिवार ने उसे दोनों की हत्या करने की धमकी दी थी। रोशन के मुताबिक़, “पिंकी के परिवार के 40 लोग उसे ले जाने के लिए आए थे। वे दौसा इसलिए वापस आ गए थे क्योंकि उनके पास पैसे ख़त्म हो गए थे लेकिन घर पहुंचते ही पिंकी के परिवार के लोगों ने उन पर हमला कर दिया और पिंकी को ले गए।” 

रोशन के परिवार ने 1 मार्च को 11 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई थी। इसमें पिंकी के चाचा, पापा और कुछ अन्य रिश्तेदारों के नाम थे। एफ़आईआर में रोशन के परिवार ने शंकर लाल सैनी की ओर से उन्हें जातिसूचक गालियां देने, घर में तोड़फोड़ करने और 1.20 लाख रुपये चोरी करने और पिंकी को जबरदस्ती ले जाने का आरोप लगाया है। 

पुलिस पर लापरवाही का आरोप 

पिंकी और रोशन के वकील नवल सिंह सिकरवार ने पुलिस पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश के बाद भी पिंकी का अपहरण कर लिया गया और उसकी हत्या कर दी गयी। 

रोशन ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, “मुझे पता था कि वे पिंकी की हत्या कर सकते हैं। जब वे पिंकी को ले गए  तो मैंने पुलिस को इस बारे में बताया भी था। मैं पुलिस के सामने बहुत रोया लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।” लेकिन दौसा के एसपी ने रोशन के आरोपों को नकार दिया। 

रोशन ने सवाल उठाया कि 1 मार्च को पिंकी को जबरन ले जाने के बाद भी पुलिस ने तीन दिन तक पिंकी के घर जाकर उसकी तलाश क्यों नहीं की। दौसा के सीओ दीपक कुमार का कहना है कि दौसा पुलिस को हाई कोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी नहीं थी। 

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पिंकी और रोशन एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। रोशन ने बताया कि पिंकी की हत्या के बाद उसे अपनी जान का डर सता रहा है और पुलिस इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। 

एसपी, सीओ को निलंबित करें

पीपल्स यूनियन फ़ॉर सिविल लिबर्टीज की राजस्थान इकाई की अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक है और हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी लड़की की बेरहमी से हत्या कर दी गयी। उन्होंने दौसा के एसपी, सीओ और एसएचओ को निलंबित करने की मांग की है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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