राजस्थान की सियासत में अब तक बाग़ी नेता सचिन पायलट पर हमलावर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्या अब नरम पड़ रहे हैं। अपनी सरकार बचाने की जद्दोजहद में जुटे गहलोत ने शनिवार को कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं।
पायलट को नाकारा, निकम्मा, धोखेबाज तक बता चुके बेहद अनुभवी नेता गहलोत जानते हैं कि अगर उन्हें अपनी सरकार पांच साल चलानी है तो ख़ुद के तेवर ढीले करने ही होंगे।
पत्रकारों के यह पूछने पर कि अगर पायलट गुट की ओर से कुछ विधायक आते हैं तो क्या आप उन्हें माफ करेंगे, इस पर गहलोत ने कहा, ‘ये हाईकमान पर निर्भर करता है, अगर हाईकमान उन्हें माफ करता है तो मैं सबको गले लगाऊंगा।’
गहलोत ने कहा, ‘जो हाईकमान तय करेगा, मुझे किसी पर कोई एतराज नहीं है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वहां पायलट गुट की तरह बंदिश नहीं है, हमने अपने विधायकों को पूरी छूट दी हुई है।
गहलोत ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे कि वह मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार और वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग करें और कोरोना के हालात पर चर्चा करें। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना का बेहतर इलाज हो रहा है।
‘ख़रीद-फरोख़्त का आरोप’
इससे पहले गहलोत ने कहा था, ‘जब से विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख़ तय हुई है, टेलीफ़ोन बजने लगे हैं। हमारे पास ख़बर है कि कौन फ़ोन कर रहा है और वे क्या ऑफ़र कर रहे हैं। विधायकों से पूछा जा रहा है कि बताएं, आप क्या चाहते हैं।’
गहलोत ने कहा था, ‘राजस्थान में इन लोगों को मुंह की खानी पड़ेगी। जो लोग गए हैं, मुझे नहीं पता कि उनमें से किन लोगों ने पहली किश्त ली है। हो सकता है कि कई लोगों ने किश्त नहीं ली हो, मैं चाहूंगा कि उन्हें वापस आना चाहिए।’
गहलोत लगातार बीजेपी पर विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त करने का आरोप लगा रहे हैं और इसी बीच शुक्रवार को उन्होंने अपने विधायकों को जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट कर दिया है।
पाला बदलने का डर
गहलोत और पायलट दोनों पर ही अपने विधायकों को साधकर रखने की चुनौती है। सूबे की सियासत के इन दोनों दिग्गज नेताओं को इस बात का डर है कि अब तक उनके साथ रहे विधायक होटल से बाहर निकलने के बाद कहीं पाला न बदल लें। हाल ही में पायलट गुट के एक विधायक ने चुनौती दी थी कि गहलोत गुट के 10-15 विधायक उनके संपर्क में हैं और होटल से आज़ाद होने के बाद उनके पाले में आ जाएंगे। बता दें कि गहलोत ने अपने गुट के विधायकों को जयपुर के फ़ेयरमॉन्ट होटल में रखा हुआ है। दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा था कि पायलट गुट के तीन विधायक उसके संपर्क में हैं।
‘सत्र में होंगे शामिल’
‘नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं’
विधायक ने अख़बार के साथ बातचीत में कहा, ‘हम सभी नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं। जिस व्यक्ति ने राजस्थान में सरकार बनाने के लिए 6 साल तक लगातार काम किया, उसे आप निकम्मा कहकर अपमानित करते हैं। यह स्वाभिमान की लड़ाई है। आप अपने ही घर के लोगों को गालियां दे रहे हैं।’
पायलट के एक और समर्थक और लाडनूं सीट से विधायक मुकेश भाकर ने भी अख़बार से कहा कि वह कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखते हैं और बीजेपी के लिए अपनी पार्टी नहीं छोड़ेंगे। भाकर इससे पहले गहलोत के ख़िलाफ़ काफी मुखर रहे हैं।
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