राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार शाम को राजभवन पहुंच गए। गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाक़ात कर उन्हें बताया कि उनकी सरकार को 102 विधायकों का समर्थन हासिल है। गहलोत की इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया गया है।
इससे पहले शनिवार को ही हुए एक अहम राजनीतिक घटनाक्रम में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समर्थन देने का एलान किया था। जबकि बीटीपी की ओर से कुछ ही दिन पहले व्हिप जारी कर कहा गया था कि पार्टी के दोनों विधायक तटस्थ रहेंगे और किसी को भी वोट नहीं देंगे।
बीटीपी के विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में पहुंचे थे। दोनों विधायकों ने कहा कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष और अन्य नेता गहलोत सरकार के पक्ष में समर्थन जारी रखने के लिए राजी हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने राज्य के विकास की शर्त रखी है।
पायलट की मुख्यमंत्री पद की जिद
एनडीटीवी के मुताबिक़, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के एक क़रीबी सूत्र ने कहा है कि राजस्थान सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मुख्यमंत्री के पद की जिद को लेकर अड़ गए हैं। पायलट चाहते हैं कि उन्हें एक साल के अंदर राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाए और जब तक उनकी यह मांग नहीं मानी जाती, तब तक वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी नहीं मिलेंगे। सूत्र के मुताबिक़, पायलट चाहते हैं कि मुख्यमंत्री पद को लेकर खुलकर घोषणा भी की जानी चाहिए।
बीजेपी का पलटवार
राजस्थान में सामने आए कथित ऑडियो टेप को लेकर कांग्रेस की गहलोत सरकार के सख़्त एक्शन के बाद बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ़्रेन्स कर कई सवाल पूछे।
पात्रा ने कहा, बीजेपी का साफ कहना है कि ये ऑडियो क्लिप पूरी तरह नकली हैं। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान और गहलोत सरकार से सवाल पूछा, ‘क्या राजस्थान में आधिकारिक रूप से फ़ोन टैपिंग की गई। गहलोत सरकार इसका जवाब दे।’ उन्होंने कहा कि एफ़आईआर में तथाकथित लिखा हुआ है और नाम नहीं है जबकि कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि ये असली हैं।
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