कैबिनेट फेरबदल के एक दिन बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभागों का बंटवारा कर दिया। उन्होंने गृह और वित्त मंत्रालयों को अपने पास बरकरार रखा है।
राजभवन में रविवार को पंद्रह नए मंत्रियों ने शपथ ली और इसमें कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी का संदेश राज्य में 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए एकजुट मोर्चा बनाने और सदन को व्यवस्थित रखने का रहा। राजस्थान मंत्रिपरिषद में नए चेहरों में चार दलित, तीन आदिवासी और तीन महिलाएँ शामिल हैं। इनमें एक अल्पसंख्यक समुदाय से भी मंत्री हैं।
गहलोत की नयी कैबिनेट में जिन मंत्रियों ने शपथ ली है उसमें 11 कैबिनेट मंत्री और 4 राज्यमंत्री शामिल हैं। शपथ लेने वालों में 5 मंत्री सचिन पायलट के वफादार माने जाते हैं। इसके साथ ही माना जा रहा है कि कांग्रेस में जो समय-समय पर तनातनी की ख़बरें आती रहती थीं वह अब ख़त्म हो जाएगी। ऐसा इसलिए कि इस कैबिनेट विस्तार पर सचिन पायलट ने खुशी जताई है।
2018 में गहलोत के कार्यभार संभालने और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व में विद्रोह के क़रीब 16 महीने बाद गहलोत मंत्रिमंडल में यह पहली बार फेरबदल हुआ। गहलोत की नई कैबिनेट में अब 30 मंत्री हो गए हैं। इस फेरबदल में तीन राज्य मंत्रियों को पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
बहरहाल, गहलोत ने मंत्रालयों के बंटवारे में दो अहम विभागों की ज़िम्मेदारी तो अपने पास रखी है, लेकिन उन्होंने अन्य विभागों का भी बंटवारा कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय बी डी कल्ला को आवंटित किया गया जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय परसादी लाल मीणा को दिया गया। प्रमोद जैन भाया के पास खदान और पेट्रोलियम बरकरार रखा गया है।
लालचंद कटारिया को कृषि मंत्रालय की ज़िम्मेदारी दी गई, जबकि उदयलाल अंजना को सहकारी क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया।
संसदीय मामलों के मंत्रालय को शांति धारीवाल के पास बरकरार रखा गया है जबकि मंत्रालय मामलों का विभाग सालेह मोहम्मद के पास है। पिछले साल राज्य मंत्रिमंडल से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह को पर्यटन विभाग वापस मिल गया है, जबकि रमेश मीणा को पंचायती राज का प्रभार दिया गया है।
बृजेंद्र ओला को सड़क परिवहन, भजन लाल जाटव को पीडब्ल्यूडी और शकुंतला रावत को उद्योगों को संभालने की ज़िम्मेदारी दी गई है।
सचिन पायलट ने क्या कहा?
सचिन पायलट ने रविवार को गहलोत मंत्रिमंडल के मौजूदा विस्तार पर खुशी जताई है। गहलोत कैबिनेट के विस्तार को लेकर सचिन पायलट ने शपथ ग्रहण से पहले पत्रकारों से कहा था, 'विचार-विमर्श के बाद पार्टी और नेतृत्व द्वारा उठाया गया क़दम पूरे राज्य में सकारात्मक संदेश दे रहा है। हमने इस मुद्दे को बार-बार उठाया था। मुझे खुशी है कि पार्टी, आलाकमान और राज्य सरकार ने इसका संज्ञान लिया।'
कांग्रेस नेता पायलट कहा, 'हम यहाँ सिद्धांतों के बारे में बात कर रहे हैं। हर किसी की राय मायने रखती है। मुझे खुशी है कि चिंताओं का समाधान किया गया है। परिवर्तन निरंतर है। लेकिन यह क़दम लोगों को प्रेरित करने में मदद करेगा। हम 2023 का चुनाव जीतेंगे।'
उन्होंने यह भी कहा कि नई कैबिनेट में 4 दलित मंत्री शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'यह एक संदेश है कि कांग्रेस कमेटी, राज्य सरकार और पार्टी दलितों, पिछड़े और गरीबों के लिए प्रतिनिधित्व चाहती है। लंबे समय से हमारी सरकार में दलित प्रतिनिधित्व नहीं था, अब इसकी भरपाई हो गई है और उन्हें अच्छी संख्या में शामिल किया गया है।'
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