एनडीटीवी और सीएसडीएस की ओर से शुक्रवार रात राजस्थान को लेकर एक सर्वे जारी किया गया है। 24 से 30 अक्टूबर के बीच हुआ यह सर्वे 30 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में 3032 लोगों पर किया गया है।
इस सर्वे में शामिल लोगों ने इस सवाल पर कि गहलोत सरकार के काम से कितने संतुष्ट हैं? 43 प्रतिशत ने कहा है कि वे पूरी तरह से संतुष्ट हैं। 28 प्रतिशत ने कहा है कि कुछ हद तक, 10 प्रतिशत ने कहा कि कुछ हद तक असंतुष्ट, 14 प्रतिशत ने कहा कि पूरी तरह से असंतुष्ट और 5 प्रतिशत ने कहा कि पता नहीं है।
वहीं सवाल कि केंद्र सरकार के काम से कितने संतुष्ट हैं? इस पर 55 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे पूरी तरह से संतुष्ट हैं। 24 प्रतिशत ने कहा है कि कुछ हद और 8 प्रतिशत ने कहा है कि कुछ हद तक असंतुष्ट हैं। इस सवाल पर 7 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे पूरी तरह से असंतुष्ट हैं और 6 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उन्हें पता नहीं है।
इस तरह से देखा जाये तो राजस्थान की 55 प्रतिशत आबादी ने केंद्र सरकार के काम पर मुहर लगाई है।
राज्य के 39 प्रतिशत लोग कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार से लड़ने में गहलोत सरकार का काम बहुत अच्छा है। 35 प्रतिशत ने कहा है कि अच्छा है। 15 प्रतिशत ने कहा है कि बुरा है। 5 प्रतिशत ने कहा है कि बहुत बुरा है। 6 प्रतिशत ने कहा है कि पता नहीं है।
राजस्थान के 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने में केंद्र सरकार का काम बहुत अच्छा है। 34 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि अच्छा है। 9 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि बुरा है। 7 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि पता नहीं है। 5 प्रतिशत ने कहा है कि बहुत बुरा है।
सवाल कि 5 साल में भ्रष्टाचार बढ़ा या घटा है ? के जवाब में 54 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि भ्रष्टाचार बढ़ा है। 14 प्रतिशत ने कहा है कि उतना ही है। 21 प्रतिशत ने कहा है कि घटा है और 11 प्रतिशत ने कहा है कि पता नहीं।
राज्य के 72 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि 5 साल में महंगाई बढ़ी है। 8 प्रतिशत ने कहा है कि वैसी ही है। 13 प्रतिशत ने कहा है कि घटी है और 7 प्रतिशत ने कहा है कि पता नहीं।
गहलोत सरकार का प्रदर्शन महिला सुरक्षा पर 37 प्रतिशत ने कहा है कि स्थिति सुथरी है। 30 प्रतिशत ने कहा है कि बिगड़ी है। कानून व्यवस्था पर 34 प्रतिशत ने कहा है कि सुधरी है और 32 प्रतिशत ने कहा है कि बिगड़ी है।
महिलाओं के लिए किसका काम बेहतर के सवाल पर 31 प्रतिशत लोगों ने केंद्र सरकार, 24 प्रतिशत ने राज्य सरकार का नाम लिया है। 26 प्रतिशत ने दोनों को और 14 प्रतिशत ने कहा है कि पता नहीं। वहीं 5 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि कोई नहीं है।
गावों के 44 प्रतिशत लोग भाजपा के साथ
वहीं सर्वे कहता है कि राजस्थान के गांवों में 44 प्रतिशत लोग भाजपा और 38 प्रतिशत लोग कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। शहर में 43 प्रतिशत भाजपा और 45 प्रतिशत कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। जातियों और वर्ग की बात करे तो सर्वे कहता है कि राजस्थान के 55 प्रतिशत राजपूत भाजपा का समर्थन कर रहे हैं जबकि 33 प्रतिशत राजपूत 33 प्रतिशत कांग्रेस के समर्थन में हैं। राज्य के 44 प्रतिशत दलित भाजपा के साथ और 46 प्रतिशत दलित कांग्रेस के साथ है।
एनडीटीवी और सीडीएस के इस सर्वे में इस सवाल पर कि क्या देखकर वोट करेंगे? के जवाब में 31 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे पार्टी देखकर वोट करेंगे। इस सवाल कि विकास के मुद्दे पर किसको वोट करेंगे राज्य के 48 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे भाजपा को वोट करेंगे। इस सवाल पर 34 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे कांग्रेस को वोट देंगे।
किसना सम्मान निधि योजना के 39 प्रतिशत लाभार्थी भाजपा के साथ और 38 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं। आयुष्मान भारत योजना के 47 प्रतिशत लाभार्थी भाजपा और 35 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं। पीएम आवास योजना के 44 प्रतिशत लोग भाजपा और 39 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं। मनरेगा के 40 प्रतिशत लाभार्थी भाजपा और 44 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं। उज्जवला योजना के 46 प्रतिशत लाभार्थी भाजपा के साथ हैं जबकि 40 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं।
राजस्थान में 25 लाख की चिरंजीवी बीमा योजना के 41 प्रतिशत लाभार्थी भाजपा के और 43 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं। राजस्थान में 100 यूनिट फ्री बिजली योजना के 43 प्रतिशत लाभार्थी भाजपा के साथ और 42 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं।
500 रुपये में रसोई गैस योजना के 39 प्रतिशत लाभार्थी भाजपा के साथ हैं जबकि 44 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं।
48 प्रतिशत लोग महंगाई के मुद्दे पर भाजपा के साथ
राज्य के 48 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे महंगाई के मुद्दे पर भाजपा को और 42 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं। बेरोजगारी के मुद्दे पर 44 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे भाजपा को और 40 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे कांग्रेस को वोट करेंगे। राजस्थान विधानसभा चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा क्या है के सवाल पर सबसे अधिक 21 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि बेरोजगारी मुद्दा है। 20 प्रतिशत ने कहा है कि महंगाई मुद्दा है। 15 प्रतिशत ने गरीबी, 13 प्रतिशत ने विकास, 7 प्रतिशत ने भ्रष्टाचार, 21 प्रतिशत ने अन्य मुद्दों को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बताया है। जबकि 3 प्रतिशत ने कहा है कि पता नहीं है।
कांग्रेस से सीएम का चेहरा कौन के सवाल पर 39 प्रतिशत ने अशोक गहलोत, 20 प्रतिशत ने सचिन पायलट, 3 प्रतिशत ने गोविंद सिंह डोटासरा, 3 प्रतिशत ने डॉ सीपी जोशी को पसंद किया है।
वहीं भाजपा से सीएम का चेहरा कौन सवाल पर 27 प्रतिशत ने कहा है कि वसुंधरा राजे हैं। जबकि 13 प्रतिशत ने बाबा बालक नाथ को, 6 प्रतिशत ने गजेंद्र सिंह शेखावत को और 3 प्रतिशत ने सीपी जोशी को सीएम पद का चेहरा बताया है।
किसे देखकर वोट करेंगे के सवाल पर 32 प्रतिशत ने अशोक गहलोत, 37 प्रतिशत ने नरेंद्र मोदी और 20 प्रतिशत लोगों ने दोनों का नाम लिया है।
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