महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित गुरुद्वारे से पंजाब लौटे कई सिख श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे पंजाब सरकार की चिंता बढ़ गई है क्योंकि राज्य में संक्रमण के कुल मामलों में 33 फ़ीसदी से ज़्यादा मामले इन्हीं सिख श्रद्धालुओं के हैं।
4 हज़ार से ज़्यादा सिख मार्च में लॉकडाउन शुरू होने के बाद से नांदेड़ स्थित गुरुद्वारे में फंसे हुए थे। पंजाब वापस लौटे 3525 सिखों के कोरोना संक्रमण के टेस्ट किए जा चुके हैं और 577 लोगों की रिपोर्ट आ चुकी है। इनमें से अब तक 183 सिख कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें अमृतसर, लुधियाना, मोहाली, तरन तारन, कपूरथला और पंजाब की बाक़ी जगहों में रहने वाले सिख शामिल हैं।
पंजाब के 22 में से 21 जिले कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं और राज्य में अब तक वायरस से संक्रमित 20 लोगों की जान जा चुकी है। यहां संक्रमित होने वालों की संख्या 542 हो चुकी है। पंजाब में इसके अलावा कोटा से 153 छात्र और राजस्थान के जैसलमेर से 3085 मजदूर वापस लौटे हैं।
अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख़्त के प्रमुख ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, ‘मैं इस बात को लेकर डरा हुआ हूं कि सिख श्रद्धालुओं को तब्लीग़ी जमात के लोगों की तरह अपमानित किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि पूरी क़ौम को निशाना बनाया जा रहा है।’
सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पंजाब सरकार से कहा है कि वह इन सभी को गुरुद्वारे में क्वरेंटीन करे। कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा है कि ये लोग वहां फंसे हुए थे और इन्हें लाया जाना बेहद ज़रूरी था। उन्होंने कहा, ‘सोशल मीडिया पर कुछ लोग इनके ख़िलाफ़ नफ़रत भरे बयान दे रहे हैं जबकि इन लोगों ने पहले दिन से सभी नियमों का पालन किया है।’ उन्होंने पूछा कि सभी सावधानी रखने के बाद से भी इनमें से कुछ लोग कोरोना से संक्रमित हो गए हैं, तो इसमें उनकी क्या ग़लती है।
नांदेड़ के प्रशासन ने कहा है कि वह गुरुद्वारे के सेवादार सहित सिखों को उनके राज्यों में छोड़ने गए ड्राइवर्स का भी टेस्ट करवाएगा। नांदेड़ के अधिकारियों ने गुरुद्वारे को सील कर दिया है। उनका कहना है कि ये लोग यहां से जाते वक्त रास्ते में संक्रमित हो गए होंगे। क्योंकि ये हॉट स्पॉट वाले इलाक़ों जैसे - इंदौर, भीलवाड़ा से होते हुए गए थे। नांदेड़ में अब तक कोरोना संक्रमण के तीन ही मामले सामने आए हैं।
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