पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के दो संदिग्धों को आज मार गिराया गया। दोनों पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। पहले जगरूप सिंह रूपा नाम के गैंगस्टर को आज अमृतसर के पास पुलिस के साथ जारी मुठभेड़ में मार गिराया गया। इसके बाद एक अन्य संदिग्ध मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू कुस्सा भी मारा गया। कुस्सा की लगातार फायरिंग में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। फायरिंग में एक समाचार चैनल का कैमरापर्सन भी घायल हुआ, उसके दाहिने पैर में गोली लगी है।
अमृतसर से 20 किलोमीटर दूर भकना गांव में मुठभेड़ दोपहर में शुरू हुई जब पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स दोनों लोगों का पीछा कर रही थी। वे उन तीन शूटरों में शामिल थे जो अभी भी फरार थे। इनमें से दीपक मुंडी का अभी तक पता नहीं चल पाया है। बाक़ी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या में कम से कम आठ शूटर शामिल बताए जाते हैं।
जगरूप रूपा की मौत की घोषणा करने से कुछ मिनट पहले ही एंबुलेंस मौक़े पर पहुँची। पाकिस्तान से लगी सीमा से महज 10 किलोमीटर दूर इस इलाक़े की घेराबंदी कर दी गई है और लोगों को घरों में ही रहने को कहा गया है।
सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को पंजाब के मनसा जिले में उनके गांव मूसा के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मन्नू कुस्सा पर आरोप है कि उसने मूसेवाला पर एके-47 राइफल से पहली गोली चलाई थी। 28 वर्षीय मूसेवाला गायक-गीतकार और रैपर होने के साथ-साथ कांग्रेस नेता भी थे।
पंजाब की भगवंत मान सरकार पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि मूसेवाला की हत्या उनकी सुरक्षा में कटौती के एक दिन बाद ही हो गई थी। मूसेवाला को सिर्फ़ दो पुलिसकर्मी ही सुरक्षा के लिए मिले थे।
जब गायक पर हमला किया गया था तब उन्होंने दो पुलिसकर्मियों को भी साथ नहीं लिया था, और न ही वह अपनी बुलेटप्रूफ कार का इस्तेमाल कर रहे थे।
पंजाब सरकार ने 'वीआईपी संस्कृति' के ख़िलाफ़ एक बड़े अभियान के तहत सुरक्षा में कटौती की थी।
पंजाब, दिल्ली और मुंबई की पुलिस मामले में कार्रवाई कर रही है। हत्या का निर्देश कथित तौर पर कनाडा के सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर दिया था। बिश्नोई पहले से ही दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था।
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