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पंजाब में पकड़े गए लोगों को 24 घंटे में छोड़ें: अकाल तख़्त

पंजाब के अलगाववादी नेता और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पिछले कई दिनों से फरार है। पंजाब पुलिस उसे पकड़ने के लिए अभियान चला रही है, लेकिन उस तक नहीं पहुंच पा रही है। पुलिस द्वारा अमृतपाल कोन पकड़ पाने का ये हाल तब है जब कि हर रोज उसके किसी नई जगह देखे जाने की खबरें आ रही हैं। ताजा जानकारी के अनुसार वह शायद नेपाल में है, उसके नेपाल में होने की जानकारी भी नेपाल में भारत के दूतावास की तरफ से दी गई है।
लोगों को इस तरह से गिरफ्तार किये जाने को लेकर पंजाब के सिख संगठन नाराज हैं, नाराजगी का कारण बेगुनाह लोगों को फर्जी आरोपों मे गिरफ्तार किया जाना बताया जा रहा है। सिखों के सबसे बड़ी और सबसे सम्मानित अकाल तख्त साहिब ने भी इस मसले पर नाराजगी जताई है। अकाल तख्त की तरफ से अमृतपाल पर कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा गया है कि जो कार्रवाई उसके खिलाफ हो रही है, वही हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों के खिलाफ क्यों नहीं?
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृत पाल के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए लोगों को छोड़ने के लिए पंजाब और केंद्र सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह की यह टिप्पणी सोमवार की शाम सिख संगठनों, बुद्धजीवियों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद आई। अकाल तख्त सिखों की सबसे बड़ी संस्था है, और उसके जत्थेदार सबसे बड़े धर्मअधिकारी।      
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अमृतपाल सिंह और खालिस्तान की उनकी मांग का कथित तौर पर समर्थन करने के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) क्यों लगाया गया, इस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ''लाखों लोग हिंदू राष्ट्र की मांग करते हैं। जो लोग हिंदू राष्ट्र का आह्वान कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन पर एनएसए के तहत भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
पुलिस अमृतपाल को भले ही न पकड़ पाई हो लेकिन उसके कई करीबियों पर शिकंजा कस लिया है। अब तक 350 से ज्यादा लोगों को अमृतपाल से जुड़े आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। इनमें से सात लोगों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पुलिस से कि जो लोग एहतियातत के तौर पर हिरासत में लिए गए हैं उन्हें रिहा किया जाए तबतक कि वे किसी राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं पाए जाते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि जो भी शांति भंग करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पंजाब पुलिस के अनुसार एहतियातन हिरासत में लिए गए 353 लोगों में से 197 को रिहा कर दिया है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने समुदाय के लोगों से किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहने को कहा है, और इसका जवाब कूटनीतिक तरीके से जवाब देने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि वे पुलिस हिरासत में लिए गये लोगों की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। अकाल तख्त बैसाखी के बाद इस मामले को देश और दुनिया भर में उठाएगा। उन्होंने कहा, 'हम उन्हें बताएंगे कि हमारे साथ क्या किया जा रहा है।
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ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने समाचार चैनलों पर भी निशाना साधा, जिन्होंने कथित तौर पर सिखों को बदनाम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों और समाचार चैनलों के माध्यम से एक सिखों को बदनाम करने के लिए 'नैरेटिव' सेट किया जा रहा है। नफरत फैलाने के लिए समाचार चैनलों पर भी मुकद्दमें दायर किये जाने चाहिए, उन्होंने पूछी कि हम आतंकवादी हैं क्या?
इससे पहले के बयान में अकाल तख्त की तरफ से अमृतपाल से सरेंडर करने और जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया था। अमृतपाल को न पकड़ पाने के लिए पुलिस की क्षमताओं पर भी सवाल उठाया गया था।  
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क़मर वहीद नक़वी
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