विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पंजाब में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है और वे बीजेपी में शामिल हो गए हैं। सोढ़ी गुर सहाय सीट से चार बार विधायक रहे हैं।
सोढ़ी अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में मंत्री थे लेकिन अमरिंदर के जाने के बाद उन्हें चन्नी कैबिनेट में मंत्री नहीं बनाया गया।
राणा गुरमीत सिंह पुराने राजनेता हैं और चुनाव से पहले उनके पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को निश्चित रूप से बड़ा झटका लगेगा। अपने इस्तीफ़े के पत्र में उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने पंजाब की सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द को दांव पर लगा दिया है और वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहे हैं।
झगड़ा जारी
एक ओर नेता पार्टी छोड़ रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं की रार कम नहीं हो रही है। दो दिन पहले चन्नी सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर ही हमला बोल दिया। राणा गुरजीत सिंह ने कहा है कि सिद्धू एक भाड़े के शख़्स हैं और कांग्रेस को बांटने का काम कर रहे हैं।
इससे पहले सिद्धू बनाम चन्नी और सिद्धू बनाम जाखड़ को लेकर पंजाब में कांग्रेस सरकार व संगठन में काफी कुछ हो चुका है। लंबे चले बवाल के बाद अमरिंदर सिंह को भी पार्टी छोड़कर जाना पड़ा था।
ऐसा नहीं लगता कि पंजाब कांग्रेस में नेताओं के बीच चल रहा झगड़ा कभी ख़त्म होगा।
अमरिंदर भी दे रहे झटका
बीते कुछ दिनों में कई नेता कांग्रेस छोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस के साथ गए हैं। इनमें लुधियाना से दो बार के सांसद अमरीक सिंह अलीवाल, कांग्रेस के पूर्व विधायक हरजिंदर सिंह ठेकेदार, शिरोमणि अकाली दल के प्रेम मित्तल, फरजाना आलम और राजविंदर कौर भगीके प्रमुख हैं।
अमरिंदर सिंह कह चुके हैं कि वे बीजेपी और सुखदेव सिंह ढींढसा के अकाली दल के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे।
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