पंजाब में अब चाहे कोई कितनी बार भी विधायक बना हो, उसे सिर्फ एक कार्यकाल के लिए पेंशन मिलेगी। पंजाब विधानसभा ने "एक विधायक, एक पेंशन" बिल पास करके राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के पास भेजा था, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया। इसके बाद पंजाब सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
पंजाब सरकार के इस कदम से विधायकों को कई बार पेंशन देने की प्रथा पर विराम लग गया है। इसका असर करीब 225 पूर्व विधायकों पर पड़ेगा। सरकार का दावा है कि नए नियम से पांच साल में 100 करोड़ रुपये की बचत होगी।
अधिसूचना के अनुसार, सभी पूर्व विधायक अब 60,000 रुपये प्रति माह और डीए (पंजाब सरकार के पेंशनभोगियों के लिए स्वीकार्य) पेंशन के रूप में प्राप्त करेंगे, भले ही उन्होंने विधायकों के रूप में कितनी भी सेवा की हो।
सीएम भगवंत मान ने कहा कि इस कदम से राजनीतिक व्यवस्था में सुधार होगा। उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्रीय नायकों के सपने को साकार करने के लिए यह एक विनम्र पहल है। मान ने कहा, पिछले 75 वर्षों से, निर्वाचित प्रतिनिधि राज्य पर भारी बोझ डाल रहे हैं, जो फालतू वेतन और पेंशन ले रहे हैं। मान ने कहा कि चूंकि नेताओं ने लोगों की सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया है, इसलिए उन्हें अपनी सेवा के बदले कई पेंशन का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया, इस ऐतिहासिक पहल से सरकार को अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान लगभग 100 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है।
अपनी राय बतायें