पंजाब कांग्रेस के पूर्व
अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू 1988 के रोडरेज मामले
में 10 महीने की कठोर कारावास के बाद पटियाला जेल से बाहर आ
गए। सिद्धू के रिहाई के लिए उनके समर्थक दोपहर से ही जेल के बाहर डेरा डाले हुए थे।
सिद्धू जैसे ही जेल से बाहर निकले समर्थकों ने तालियों से उनका स्वागत किया।
सिद्धू 20 मई 2022 से
1988 में हुए रोडरेज के एक मामले में जेल में बंद थे। इस मामले में 65 वर्षीय गुरनाम
सिंह मौत हो गई थी। जेल में रहने के दौरान उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें सजा
पूरी होने से कुछ सप्ताह पहले रिहा कर दिया गया है।
जेल से बाहर आते ही उन्होंने बीजेपी
पर हमला बोलते हुए कहा बीजेपी पंजाब में हिंसा भड़का रही है। अब तो हालात ऐसे हैं
कि लोकतंत्र नाम की भी कोई चीज नहीं बची है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की
साजिश रची जा रही है। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी
देते हुए कहा कि अगर आप पंजाब को कमजोर करने की कोशिश करेंगे तो आप कमजोर हो
जाएंगे।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'जब भी किसी देश में तानाशाही होती है, वहां क्रांति होती है। और आज मैं छाती ठोककर कह सकता हूं कि उस क्रांति का नाम राहुल गांधी
है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सरकार को जड़ों से हिला देंगे।
सिद्धू ने अपनी रिहाई में
देरी का आरोप लगाते हुए कहा कि देखो आज क्या हुआ, मुझे दोपहर के समय रिहा किया
जाना था, लेकिन उन्होंने इसमें देरी की गई, जिससे की कांग्रेस
समर्थक, और मीडियाकर्मी यहां से चले जाएं जो सुबह से ही
मेरे रिहा होने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'आज कोई लोकतंत्र
नहीं है। लोकतंत्र बेड़ियों में जकड़ा हुआ है। अगर भगवंत मान मेरी बात सुन रहे हैं
तो मैं उन्हें भी बताना चाहता हूं कि पंजाब को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया
जा रहा है।
उन्होंने कहा, 'पंजाब इस देश की ढाल है। लेकिन इस ढाल को नष्ट करने की कोशिश की जा रही हैं।
जहां भी बहुमत है, वहां लोकतंत्र नहीं है, वहां केंद्र की साजिश है। वे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करते हैं फिर फिर
वे शिकंजा कसते हैं और कहते हैं कि शांति आ गई है।
सिद्धू ने केंद्र पर हमला
करते हुए कहा कि सभी एजेंसियां गुलाम और रबर स्टैंप बन गई हैं, केवल 4-6 लोगों की ही
बात सुनती हैं। सिद्धू ने कहा,
'मैं मौत से नहीं डरता
क्योंकि मैं जो कर रहा हूं वह अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि पंजाब की अगली पीढ़ी के लिए है।
सिद्धू ने कहा 'इतिहास गवाह है कि आईपीसी की धारा 323 में कोई एक सप्ताह के लिए भी जेल नहीं
गया, फिर सिद्धू जेल क्यों गया? वो इसलिए क्योंकि मेरे पूर्ववर्तियों ने संविधान लिखा था और मैं उसका सम्मान करता हूं।
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