पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सोमवार शाम को मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिले। मुलाकात के बाद सिद्धू ने कहा कि भगवंत मान में बिल्कुल भी अहंकार नहीं है।
सिद्धू ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से यह मुलाकात ऐसे वक्त में की है जब यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है।
सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ उनकी यह बैठक पंजाब के लोगों की जिंदगी से जुड़े मसलों पर हुई है। इस दौरान कानून और व्यवस्था, वित्तीय हालत, नशे की स्थिति आदि मुद्दों पर चर्चा हुई।
सिद्धू ने कहा कि ठेकेदारी व्यवस्था के कारण पंजाब को गिरवी रख दिया गया है और ठेकेदारी व्यवस्था के पीछे राजनेताओं का हाथ है।
सिद्धू के मुताबिक, उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से कहा कि जिस दिन ठेकेदार खत्म हो जाएंगे उसी दिन उसके पीछे खड़े राजनेता भी किनारे लग जाएंगे।
सिद्धू ने कहा कि वह हमेशा सिस्टम के खिलाफ लड़ते रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने शराब व केबल माफिया को लेकर भगवंत मान को कई सुझाव दिए हैं और जितना दर्द पंजाब का उन्हें है उतना ही मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अगर उनके सुझाव पर काम करते हैं तो वह उनकी जय-जयकार करेंगे।
सोनिया को लिखा पत्र
विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू की प्रदेश अध्यक्ष पद से छुट्टी कर दी थी और उन्हें लेकर मिल रही तमाम शिकायतों के कारण ही पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने उन पर कार्रवाई के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इस पत्र में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की सिद्धू को लेकर शिकायतों को भी शामिल किया गया था।
इस पत्र के बाद साफ हो गया था कि कांग्रेस हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू को ज्यादा बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। सिद्धू ने चुनाव नतीजों के बाद कहा था कि पंजाब में कांग्रेस 5 साल तक चले माफिया राज की वजह से हारी और इस माफिया राज में मुख्यमंत्री भी शामिल थे।
मान के सामने चुनौतियां
उधर, पंजाब में सरकार बने अभी 2 महीने का वक्त भी नहीं हुआ है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को कई मोर्चों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब में बीते दिनों में ड्रग्स से कई नौजवानों की मौत हुई है और पटियाला में हिंदू-सिख संगठनों के सामने आने के कारण सांप्रदायिक तनाव भी हुआ है। पंजाब की सरकार को दिल्ली से चलाए जाने के आरोपों का भी भगवंत मान सरकार सामना कर रही है।
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