कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि वह पार्टी में हिस्सेदार हैं ना कि किराएदार। एक के बाद एक करके पार्टी छोड़ रहे नेताओं के बीच मनीष तिवारी को लेकर भी ऐसी चर्चा है कि वह कांग्रेस से अपना नाता तोड़ सकते हैं, ऐसे ही सवाल के जवाब में तिवारी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि अगर कोई धक्के देकर पार्टी से निकालना चाहे तो वह दूसरी बात है, वरना वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी ने कहा कि उन्होंने 40 साल कांग्रेस को दिए हैं और उनके परिवार ने इस देश की एकता और अखंडता के लिए खून बहाया है।
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद पार्टी में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 के सदस्यों ने कहा था कि नेताओं का एक के बाद एक करके कांग्रेस छोड़ना बेहद चिंता का विषय है और इसे लेकर मनीष तिवारी का भी बयान सामने आया था। तिवारी ने कहा था कि पार्टी को इसे लेकर आत्मचिंतन करने की जरूरत है।
नहीं बनाया स्टार प्रचारक
मनीष तिवारी कांग्रेस नेतृत्व को असहज करने वाली बातें करते रहे हैं। शायद इसी वजह से कांग्रेस ने उन्हें पंजाब के स्टार प्रचारकों की सूची में जगह नहीं दी थी। जबकि मनीष तिवारी पंजाब में कांग्रेस के अकेले हिंदू सांसद हैं। मनीष तिवारी एक वक्त में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबियों में शुमार रहे थे। तिवारी ने बीते साल लिखी अपनी एक किताब में कहा था कि मुंबई हमले के बाद भारत की तत्कालीन सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी।
इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोल दिया था और ऐसी खबरें आई थीं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व मनीष तिवारी से इसे लेकर बेहद नाराज है।
तिवारी का धक्के देने वाला यह बयान बताता है कि उनकी पार्टी हाईकमान के साथ अच्छी-खासी खटपट चल रही है। ऐसे वक्त में जब पंजाब में मतदान की तारीख नजदीक है, तिवारी का यह बयान पार्टी को नुक़सान पहुंचा सकता है।
देखना होगा कि क्या मनीष तिवारी पर कांग्रेस हाईकमान कोई कार्रवाई करेगा या उनके रिश्ते फिर से पार्टी नेतृत्व के साथ बेहतर हो जाएंगे।
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