सिखों की पार्लियामेंट मानी जाने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी यानी एसजीपीसी पर फिर बादलों की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल का क़ब्ज़ा हो गया है। इसके सियासी मायने क्या हैं? धर्म और सियासत का यह गठजोड़ क्यों पंजाब की राजनीति के लिए बड़ा संदेश है? क्या इससे बादल परिवार के सत्ता में वापसी की राह आसान होगी?