पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शायद ऐसी हार की कल्पना भी नहीं की होगी। उसके मुख्यमंत्री चरणजीत सिहं चन्नी दोनों सीट और राज्य में कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू अपनी सीट हार गए। कांग्रेस 20 सीट भी जीतती नहीं दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी चुनाव हार गए हैं।
चुनाव से कुछ महीने पहले ही कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले और बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाले 79 वर्षीय कैप्टन अमरिंदर ने एक ट्वीट में हार स्वीकार करते हुए कहा कि लोकतंत्र की जीत हुई है। उन्होंने आम आदमी पार्टी और चन्नी को भी बधाई दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'मैं पूरी विनम्रता के साथ लोगों के फ़ैसले को स्वीकार करता हूँ। लोकतंत्र की जीत हुई है। पंजाबियों ने सांप्रदायिक और जातिगत लाइन से ऊपर उठकर और मतदान करके पंजाबियत की सच्ची भावना दिखाई है। आप और भगवंत मान को शुभकामनाएँ।'
I accept the verdict of the people with all humility. Democracy has triumphed. Punjabis have shown true spirit of Punjabiyat by rising and voting above sectarian and caste lines.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) March 10, 2022
Congratulations to @AAPPunjab and @BhagwantMann.
पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों- चमकौर साहिब और भदौर से चुनाव हार गए हैं। भदौर में आम आदमी पार्टी के लाभ सिंह उगोके को 57,000 से अधिक वोट मिले, जबकि चन्नी को 23,000 से अधिक वोट मिले। दूसरी सीट पर चन्नी को लगभग 50,000 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी के उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी चरणजीत सिंह को 54,000 से अधिक वोट मिले।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू भी चुनाव हार गए हैं। वह अमृतसर पूर्व से कांग्रेस के प्रत्याशी थे।
पूर्व कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने पटियाला शहरी क्षेत्र में आप के अजीत पाल सिंह कोहली से चुनाव हार गए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दो बार के मुख्यमंत्री की हार यह संकेत देती है कि यह सही है कि कैप्टन पंजाब में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे थे।
कांग्रेस ने कहा कि उसने अपने पंजाब के नेताओं की प्रतिक्रिया पर कार्रवाई की थी कि कैप्टन सिंह घमंडी थे और अगर पार्टी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ती तो उसे सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ता।
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