पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले ही कई सियासी दल आरोप लगाते थे कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो यह दिल्ली से चलेगी। उनका सीधा मतलब यह था कि पंजाब में मुख्यमंत्री कोई भी हो लेकिन उसे आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर ही काम करना होगा।
पंजाब में सोमवार को अरविंद केजरीवाल ने राज्य के अफसरों की बैठक ली और अहम बात यह है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान नहीं थे। इसके बाद इस तरह की चर्चाएं फिर से सिर उठाने लगी हैं।
यह जानकारी सामने आने के बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोला है।