खालिस्तान बनाने की चली थी मुहिम
1980 के दशक में पंजाब को भारत से अलग किए जाने यानी एक अलग देश (खालिस्तान) बनाने का आंदोलन जोरों पर था। इसके लिए चरमपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाला और अन्य के नेतृत्व में आंदोलन चल रहा था। तब कट्टरपंथी नेताओं के द्वारा सिखों से कहा जाता था कि खालिस्तान बनाने के लिए उन्हें भारत के साथ संघर्ष करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। भिंडरावाला और अन्य चरमपंथियों ने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था और बड़ी संख्या में वहाँ गोला-बारूद इकट्ठा कर लिया था।स्वर्ण मंदिर से सिख चरमपंथियों को बाहर निकालने के लिए ही ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के आदेश पर सेना ने 3 से 8 जून 1984 तक यह ऑपरेशन चलाया था।
खालिस्तान बनाने के मुद्दे को लेकर पंजाब लंबे समय तक लाशों की मंडी बना रहा और पंजाब बड़ी मुश्किल से आतंकवाद के दंश से बाहर निकल पाया। लेकिन एक बार फिर पंजाब को 1980 के दशक में ले जाने की साज़िश हो रही है।
पंजाब को अशांत करने की थी साज़िश
हाल ही में यह ख़ुलासा हुआ है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर पंजाब का माहौल खराब करने और बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की पाकिस्तान में साज़िश रची जा रही थी। अमृतसर के एसएसपी विक्रमजीत दुग्गल ने बताया था कि पाकिस्तान में रह रहे खालिस्तानी आतंकियों के इशारे पर अमृतसर में हैंड ग्रेनेड पहुँचाए गए। भारत-पाक सीमा पर सक्रिय तस्कर और खालिस्तान समर्थक पंजाब का माहौल ख़राब करना चाहते हैं।
पिछले हफ़्ते ही आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के दो आतंकवादियों को पुलिस ने अमृतसर और फिरोजपुर से गिरफ़्तार किया था। ये दोनों आतंकवादी ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर बड़े हमले की तैयारी में थे। बताया जाता है कि इन्हें पाकिस्तान की ख़ुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद मिल रही थी।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी हाल ही में आशंका जताई थी कि आईएसआई और कट्टरपंथी सिख समूह भारत के ख़िलाफ़ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करतारपुर गलियारे का दुरुपयोग कर सकते हैं।
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