जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुआ आत्मघाती हमला भारत के सुरक्षा बलों पर कश्मीर में अब तक का सबसे बड़ा हमला है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में जवानों की जानें गयी हैं। यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है और हमारे सामने नयी चुनौतियाँ खड़ी करती है। हालाँकि किसी एक घटना से चाहे वह कितनी बड़ी क्यों न हो, कोई एक रणनीतिक अर्थ निकालना सही नहीं होता है, लेकिन पुलवामा की घटना इतनी बड़ी है और उसके इतने आयाम हैं कि वे एक बड़े रणनीतिक बदलाव की ओर इशारा करते हैं।
कश्मीर में और हो सकते हैं पुलवामा जैसे आतंकी हमले
- पुलवामा हमला
- |
- अजय साहनी
- |
- 18 Feb, 2019
पुलवामा हमला सिर्फ़ एक शुरुआत भर है। जम्मू-कश्मीर में आने वाले दिनों में हिंसा और बढ़ेगी। निकट भविष्य में जम्मू एवं कश्मीर में अफ़ग़ान मोर्चे से लौटे पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ बढ़ेगी और वे ऐसी और घटनाओं को अंजाम देंगे। अब आतंकवादियों की नज़र अफ़ग़ानिस्तान की जगह भारत पर होगी।

मिलेगा जवाब? : मोदी जी, जरा बताइए, सेना को आतंकियों से निपटने की 'खुली छूट' कब नहीं थी?