जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों का समय नज़दीक आता जा रहा है, देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के प्रयास भी तेज़ कर दिए गए हैं। कहीं धर्म विशेष के व्यक्ति के साथ मॉब लिंचिंग की घटना घटित हो रही है तो कहीं किसी को तस्करी के आरोप में फँसाया जा जा रहा है। कहीं गौ तस्करी या गौ हत्या के प्रयास के नाम पर हिंसा की जा रही है, कहीं किसी की दाढ़ी जबरन काटी जा रही है तो कहीं मस्जिदें ढहाई जा रही हैं। गोया देश में सोची-समझी रणनीति के तहत नफ़रत का माहौल बनाया जा रहा है और कोरोना के भयावह परिणामों से क्षुब्ध जनता को एक बार फिर अपने पक्ष में संगठित किया जा सके।