दुनिया के किसी अन्य देश में तो नहीं परन्तु भारत में इस बात का दावा ज़रूर किया जाता रहा है कि भारतवर्ष किसी ज़माने में 'विश्व गुरु' हुआ करता था। हालांकि इस बात की भी कोई पुख़्ता जानकारी नहीं कि विश्व गुरु भारत के 'शिष्य देश' आख़िर कौन-कौन से थे। 'सुखद ' यह है कि गत कुछ वर्षों से एक बार फिर से कुछ आशावादी राजनेताओं, चिंतकों व लेखकों द्वारा यह उम्मीद जताई जाने लगी है कि भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर है।