दुनिया के किसी अन्य देश में तो नहीं परन्तु भारत में इस बात का दावा ज़रूर किया जाता रहा है कि भारतवर्ष किसी ज़माने में 'विश्व गुरु' हुआ करता था। हालांकि इस बात की भी कोई पुख़्ता जानकारी नहीं कि विश्व गुरु भारत के 'शिष्य देश' आख़िर कौन-कौन से थे। 'सुखद ' यह है कि गत कुछ वर्षों से एक बार फिर से कुछ आशावादी राजनेताओं, चिंतकों व लेखकों द्वारा यह उम्मीद जताई जाने लगी है कि भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर है।
क्या यही ज्ञान भारत को विश्व गुरु बनाएगा?
- विचार
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- 29 Mar, 2021

हैरत की बात है कि प्रधानमंत्री इतिहास और विज्ञान को लेकर अपने 'अज्ञान का बखान' देश विदेश में कभी साक्षात्कार में तो कभी जनसभाओं में बड़े ही आत्मविश्वास के साथ करते हैं। प्रधानमंत्री की ही तरह आरएसएस से शिक्षित व संस्कारित अनेक नेता इसी तरह की बातें अक्सर करते रहते हैं।
किसी भी भारतवासी के लिए इससे बड़े गर्व की बात और हो भी क्या सकती है। परन्तु जिन राजनेताओं की अगुवाई में भारत वर्ष के विश्व गुरु बनने की उम्मीद की जा रही है उनके अपने 'महाज्ञान' के बारे में भी तो देश को जानना ज़रूरी है?