हिसार के एक ग्रामीण ने देश के एक बड़े सार्वजनिक बैंक की फसल बीमा कंपनी से आरटीआई के तहत पूछा कि कितने किसानों को बीमा की राशि मिली। बैंक का जवाब था- “यह सूचना राष्ट्र की संप्रभुता के हित में नहीं दी जा सकती।” वैसे यह जानकारी देश के करीब पांच मंत्रालय/विभाग जिलेवार अपनी वेबसाइट पर नियमित रूप से डालते हैं।