तर्क-शास्त्र में एक प्रमुख लेकिन बेहद “चालाकी भरा” दोष होता है- वर्तमान वैल्यू-सिस्टम को ऐतिहासिक घटना या उसके किरदार पर चस्पा कर उसका महिमा-मंडन करना या छवि खराब कर फिर से इतिहास गढ़ना। इस दोष को “प्रेसेन्टीज्म” बनाम “हिस्टोरीसिज्म” के नाम से जाना जाता है। इसका सहारा लेकर किसी इतिहास-पुरुष की छवि कालांतर में खराब करना बहुत आसान होता है। ऐसा करने के लिए मात्र “पसंद के तथ्यों को प्राथमिकता देनी” होती है। सत्ताधारी वर्ग के लिए यह काम और आसान हो जाता है।